जानिए 6 Credit/Cibil Score facts/ Myth जिन पर अब आपको विश्वास करना तुरन्त बंद कर देना चाहिए। ये गलतफहमियाँ आपकी क्रेडिट हेल्थ को नुकसान पहुँचा सकती हैं। आइए सच जानें और स्मार्ट वित्तीय फैसले लें।
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❌मिथक 1: “बार-बार अपना क्रेडिट स्कोर चेक करने से स्कोर घटता है”
✅ सच्चाई: जब आप स्वयं अपना क्रेडिट स्कोर चेक करते हैं, तो यह “सॉफ्ट इंक्वायरी” मानी जाती है, न कि हार्ड इंक्वायरी।
परिणाम: इसका आपके स्कोर पर कोई नकारात्मक असर नहीं होता।
विशेषज्ञ राय: SAVE Solutions के अजीत कुमार सिंह कहते हैं, “स्व-जांच से स्कोर कम नहीं होता, बल्कि नियमित निगरानी फाइनेंशियल सेहत सुधारने में मदद करती है।”
❌ मिथक 2: “सिर्फ क्रेडिट कार्ड और लोन ही स्कोर को प्रभावित करते हैं”
✅ सच्चाई: आपकी पूरी भुगतान आदतें स्कोर पर असर डालती हैं – जैसे किराए, मोबाइल बिल, और EMI का समय पर भुगतान।
परिणाम: नियमितता और समय पर भुगतान आपकी क्रेडिट योग्यता को मजबूत बनाते हैं।

विशेषज्ञ राय: RentenPay की सारिका शेट्टी बताती हैं, “हर समय पर भुगतान, चाहे वो बिल हो या EMI, आपकी साख को मजबूत करता है।”
❌ मिथक 3: “एक बार पेमेंट मिस हो गया तो स्कोर बर्बाद हो गया”
✅ सच्चाई: क्रेडिट स्कोर एक एल्गोरिदमिक प्रक्रिया है जो समय के साथ आपके संपूर्ण व्यवहार का मूल्यांकन करता है।
परिणाम: एक या दो चूकें स्थायी नुकसान नहीं पहुंचातीं, लेकिन लगातार चूक से स्कोर गिरता है।
विशेषज्ञ राय: वनबैंक के विभोर गोयल कहते हैं, “क्रेडिट स्कोर जड़ नहीं होता; यह समय और व्यवहार के साथ बदलता है।”
❌ मिथक 4: “पुराना क्रेडिट कार्ड बंद करने से स्कोर बढ़ता है”
✅ सच्चाई: पुराना कार्ड बंद करने से आपकी क्रेडिट हिस्ट्री की औसत उम्र घटती है और कुल क्रेडिट लिमिट भी कम हो जाती है।
परिणाम: इससे स्कोर गिर सकता है क्योंकि आपकी क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो बढ़ जाती है।
विशेषज्ञ राय: अजीत कुमार सिंह के अनुसार, “पुराने क्रेडिट कार्ड को बनाए रखना आमतौर पर स्कोर के लिए बेहतर होता है।”
❌ मिथक 5: “क्रेडिट कार्ड पर कुछ बकाया रखना स्कोर सुधारता है”
✅ सच्चाई: बकाया रखने से सिर्फ ब्याज बढ़ता है, स्कोर नहीं।
परिणाम: समय पर पूरा भुगतान और 30% से कम क्रेडिट यूटिलाइजेशन स्कोर सुधारने में ज्यादा असरदार है।
विशेषज्ञ राय: सिंह कहते हैं, “उधारी बनाए रखने की जगह नियमित समय पर भुगतान ज़्यादा मददगार होता है।”
❌ मिथक 6: “फ्री स्कोर चेक करना हमेशा मददगार होता है”
✅ सच्चाई: कई बार ‘फ्री स्कोर’ ऑफर सिर्फ यूजर डेटा इकट्ठा करने के लिए होते हैं।
परिणाम: इससे यूजर को अनचाहे कॉल, स्पैम और गलत प्रोडक्ट बेचने का जोखिम बढ़ जाता है।
विशेषज्ञ राय: विभोर गोयल के अनुसार, “सिर्फ स्कोर दिखाने से कुछ नहीं होता; उपभोक्ता को समझाने और मार्गदर्शन देने वाले टूल की जरूरत है।”
✍️ निष्कर्ष : 6 Credit/Cibil Score facts/ Myth:
क्रेडिट स्कोर ज्ञान का विषय है, डर का नहीं।हर उपभोक्ता को चाहिए कि वह अपने वित्तीय व्यवहार को समझदारी से नियंत्रित करे, और मिथकों के बजाय तथ्यों के आधार पर निर्णय ले। केवल सही जानकारी और व्यवहार से ही आप अपना CIBIL या क्रेडिट स्कोर सुधार सकते हैं।
FAQ
बार-बार CIBIL स्कोर चेक करने से क्या स्कोर कम होता है?
नहीं। जब आप खुद अपना स्कोर चेक करते हैं, तो यह “सॉफ्ट इंक्वायरी” होती है, जिसका आपके स्कोर पर कोई असर नहीं होता। स्कोर तभी गिरता है जब कोई बैंक या लोन प्रदाता “हार्ड इंक्वायरी” करता है।
क्या सिर्फ लोन और क्रेडिट कार्ड ही स्कोर को प्रभावित करते हैं?
नहीं। आपके द्वारा समय पर किए गए किराए, मोबाइल बिल और EMI भुगतान भी आपकी क्रेडिट योग्यता को प्रभावित कर सकते हैं।
क्या एक बार भुगतान चूकने से मेरा पूरा स्कोर खराब हो सकता है?
एक बार की गलती से स्कोर पूरी तरह नहीं गिरता। लेकिन बार-बार पेमेंट मिस करना स्कोर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। नियमित समय पर भुगतान महत्वपूर्ण है।
क्या पुराना क्रेडिट कार्ड बंद करने से स्कोर बेहतर होता है?
नहीं। ऐसा करने से आपकी क्रेडिट हिस्ट्री की औसत उम्र घटती है और उपलब्ध क्रेडिट सीमा कम हो जाती है, जिससे स्कोर गिर सकता है।
क्या कुछ क्रेडिट कार्ड बैलेंस छोड़ने से स्कोर बनता है?
यह एक मिथक है। बकाया रखने से केवल ब्याज बढ़ता है, स्कोर नहीं। बेहतर स्कोर के लिए समय पर पूरा भुगतान करें और क्रेडिट उपयोग 30% से नीचे रखें।
क्या मुफ्त CIBIL स्कोर चेक करना सुरक्षित और उपयोगी होता है?
सावधान रहें। कई ‘फ्री स्कोर चेक’ सेवाएं आपका डेटा इकट्ठा करती हैं और अनचाहे कॉल या ऑफ़र भेजती हैं। भरोसेमंद स्रोतों से ही स्कोर चेक करें।
क्रेडिट स्कोर क्यों जरूरी होता है?
यह आपकी वित्तीय विश्वसनीयता का संकेत है। लोन, क्रेडिट कार्ड, और EMI योजनाएं इसी स्कोर के आधार पर स्वीकृत होती हैं।
क्रेडिट स्कोर कितने समय में सुधरता है?
अगर आप नियमित समय पर भुगतान करें, तो 3 से 6 महीनों में स्कोर में सुधार देखा जा सकता है। लेकिन भारी डिफॉल्ट के मामलों में इसमें 12 महीने या उससे अधिक समय भी लग सकता है।
क्या CIBIL स्कोर और क्रेडिट स्कोर अलग होते हैं?
CIBIL एक प्रकार का क्रेडिट स्कोर है। भारत में CIBIL, Experian, CRIF High Mark और Equifax जैसी कंपनियां क्रेडिट स्कोर प्रदान करती हैं।
क्रेडिट स्कोर 0 या -1 का मतलब क्या होता है?
स्कोर 0 का मतलब है कि आपने क्रेडिट लिया है लेकिन 6 महीने से कम का इतिहास है।स्कोर -1 का मतलब है कि आपके पास कोई क्रेडिट इतिहास नहीं है।