महात्मा गांधी ने कहा था, “भविष्य हमारे वर्तमान कार्यों पर निर्भर करता है।” डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में Unified Payments Interface (UPI) का आगमन एक बड़ा बदलाव लाया है।1 नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के अनुसार, जून 2024 में UPI के माध्यम से 13.89 अरब लेनदेन हुए, जो पिछले साल की तुलना में 49% अधिक है।1 लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आपके UPI लेनदेन पर कर लग सकता है? इस लेख में, हम GST और UPI लेनदेन पर अन्य करों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। यह आपको अपने वित्तीय निर्णय लेने में मदद करेगा।
मुख्य बिंदु
- UPI लेनदेन पर कर की अनिवार्यता
- UPI लेनदेन और आयकर कानून का संबंध
- UPI लेनदेन पर कर छूट की सीमा
- UPI लेनदेन पर कर प्रभार की स्थिति
- UPI लेनदेन में कैशबैक पर कर लागू होना
Table of Contents
UPI क्या है?
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) एक उपयोगकर्ता-अनुकूल भुगतान समाधान है। यह डिजिटल भुगतानों को आसान बनाता है।2 यह बैंकों के बीच लेनदेन को तेज कर देता है।
UPI लेनदेन दो प्रकार के भुगतान स्थानांतरण की सुविधा देते हैं। यह ‘पियर-टू-पियर’ और ‘पियर-टू-बिजनेस’ दोनों के लिए उपयुक्त है।
UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) की पहचान
UPI एप्लिकेशन डाउनलोड करें और अपने बैंक खाते को लिंक करें। UPI पिन आपको नया भुगतान खाता जोड़ने और भुगतान करने में मदद करता है।
नए UPI पिन बनाने के लिए बैंक खाता जोड़ते समय प्रोत्साहित किया जाता है।
UPI लेनदेन की प्रक्रिया
UPI लेनदेन के लिए, अपना UPI ID या नंबर डालें या प्राप्तकर्ता का QR कोड स्कैन करें।2 फिर, इच्छित राशि दर्ज करें और 4 अंकों का कोड द्वारा लेनदेन को प्रमाणित करें। यह प्रक्रिया बहुत सरल है।
GST ON UPI TRANSACTION
भारत में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) ने डिजिटल भुगतान को बदल दिया है। अब UPI लेनदेन पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों टैक्स लगा सकते हैं।4 यह इसलिए किया गया है क्योंकि अधिकांश लेनदेन 2,000 रुपये से कम होते हैं।जीएसटी परिषद 18% टैक्स लगाने पर विचार कर रही है।4
UPI लेनदेन पर टैक्स की अनिवार्यता
आयकर अधिनियम की धारा 56(2) के अनुसार, UPI लेनदेन को आय के रूप में माना जाता है। इसलिए, आपको अपने वेतन और UPI से प्राप्त धन का विवरण आयकर में देना होगा।
UPI लेनदेन पर टैक्स निम्नलिखित स्थितियों में लगता है:
- 50,000 रुपये तक की प्राप्ति पर कोई टैक्स नहीं है। लेकिन, 5,000 रुपये से ज्यादा का वाउचर उपहार माना जाता है और पर टैक्स लगता है।
- 5,000 रुपये से ज्यादा के वाउचर पर टैक्स लगता है।
- 50,000 रुपये से ज्यादा की कैशबैक या पुरस्कार पर भी टैक्स लगता है।
UPI लेनदेन और आयकर कानून
UPI लेनदेन पर आयकर कानून लागू है।50,000 रुपये से अधिक की कैशबैक या पुरस्कार पर टैक्स लगता है।6 UPI से प्राप्त आय को आयकर में जोड़ना होगा।
UPI प्लेटफॉर्म का उपयोग ग्राहकों और व्यापारियों के लिए फायदेमंद है। यह कम लागत और कमीशन की कटौती के साथ आता है। लेकिन, सरकार टैक्स लगाकर राजस्व बढ़ाने के लिए काम कर रही है।
“डिजिटल लेनदेन को कर के दायरे में लाकर सरकार का लक्ष्य स्पष्ट है – राजस्व को बढ़ाना और कर चोरी को रोकना।”
अब UPI लेनदेन पर टैक्स देना अनिवार्य है। व्यक्तियों को अपने डिजिटल लेनदेन का ब्योरा आयकर में देना होगा। व्यवसायों को भी जीएसटी का भुगतान करना होगा।
UPI लेनदेन की सीमाएं
UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) भारत में एक लोकप्रिय भुगतान प्रणाली है।7 यह देश में स्मार्टफोन वाले अधिकांश लोगों द्वारा उपयोग की जाती है। लेकिन, UPI लेनदेन में कुछ सीमाएं हैं।
प्रति दिन UPI लेनदेन की सीमा
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक दिन में Rs 1 लाख तक का भुगतान संभव बनाया है। सितंबर 16 के बाद, UPI के जरिए Rs 5 लाख तक का लेनदेन किया जा सकता है। यह शामिल करता है कर भुगतान, अस्पताल के बिल, शैक्षिक शुल्क, IPO और RBI’s रिटेल डायरेक्ट योजना।
लेकिन, बैंकों के नियम अलग-अलग हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, अलाहाबाद बैंक ने Rs 25,000 तक की सीमा निर्धारित की है। HDFC बैंक और ICICI बैंक ने Rs 1 लाख तक की सीमा तय की है।कैपिटल मार्केट, कलेक्शन, बीमा और विदेशी आवक रिमिटेंस के लिए दैनिक सीमा Rs 2 लाख है।
कुछ बैंकों ने दिन के बजाय सप्ताह या महीने के आधार पर सीमा तय की है। UPI लाइट और *99# सेवाएं इंटरनेट के बिना भुगतान के लिए हैं।
UPI लेनदेन के लाभ
UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) एक नए तरीके की डिजिटल भुगतान प्रणाली है। यह भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला रही है। इसके कई फायदे हैं जो लोगों को बहुत मदद कर रहे हैं।
- तेज और सुविधाजनक: UPI से पैसे तुरंत भेजे और मिले जा सकते हैं। यह 24/7 उपलब्ध है।
- कम लागत: UPI का उपयोग करने पर शुल्क कम होता है। यह आपको पैसे बचाने में मदद करता है।
- सुरक्षित: UPI का उपयोग करने के लिए आपको अपनी पहचान देनी होगी। यह धोखाधड़ी को रोकता है।
- सरकार के लिए लाभकारी: इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन से सरकार को अधिक राजस्व मिलता है। यह नकद लेनदेन को कम करता है।
UPI लेनदेन का उपयोग करना बहुत आसान है। यह डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देता है। भारत को कैशलेस अर्थव्यवस्था बनाने में यह बहुत महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) एक आधुनिक भुगतान प्रणाली है। यह इंटरनेट बैंकिंग की जरूरत को दूर करती है।9 लेकिन, इसके साथ कुछ कर नियम भी हैं। आयकर और जीएसटी UPI लेनदेन पर लागू होते हैं।
यह जानना जरूरी है कि कब कर देना है। ताकि आप आयकर रिटर्न सही तरीके से भर सकें।
18% जीएसटी का प्रस्ताव है। यह 2,000 रुपये तक के ऑनलाइन लेनदेन पर लगेगा। यह भारत में डिजिटल भुगतानों का 80% से अधिक है।
व्यवसाय और उपभोक्ता दोनों पर इसका असर हो सकता है। लेकिन9 यूपीआई का उपयोग करने वाले ज्यादातर लोग जीएसटी के प्रभाव से बच जाएंगे।
यूपीआई एक अच्छा भुगतान मंच है। लेकिन, कर नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है।910 छोटे लेनदेन पर जीएसटी लग सकता है। लेकिन, यूपीआई का उपयोग करने वाले कम प्रभावित होंगे।
इसलिए, अपने कर दायित्व की जांच करें। और आयकर रिटर्न सही ढंग से भरें।
FAQ
1. क्या UPI लेनदेन पर टैक्स लगता है?
हाँ, UPI लेनदेन पर टैक्स लगता है। आयकर अधिनियम की धारा 56(2) के अनुसार, UPI लेनदेन को म्यूचुअल फंड या फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह माना जाता है। इसलिए, आपको अपने आईटीआर में वेतन और अन्य आय का विवरण देना होगा। इसमें ई-वॉलेट या UPI ऐप से प्राप्त धन भी शामिल है।
2. किन स्थितियों में UPI लेनदेन पर टैक्स लगता है?
UPI लेनदेन पर टैक्स निम्नलिखित स्थितियों में लगता है:-
1. Rs 50,000 तक की प्राप्ति पर कोई टैक्स नहीं है। इससे ज्यादा राशि उपहार मानी जाती है और परिणामस्वरूप टैक्स लगता है।
2. Rs 5,000 से ज्यादा के वाउचर पर भी टैक्स लगता है, जो नियोक्ता द्वारा कर्मचारियों को उपहार के रूप में दिए जाते हैं।
3. Rs 50,000 से ज्यादा की कैशबैक या पुरस्कार राशि पर भी टैक्स लगता है।
3. UPI लेनदेन की क्या सीमा है?
NPCI के अनुसार, एक दिन में UPI के माध्यम से Rs 1 लाख तक का भुगतान किया जा सकता है। लेकिन, यह सीमा बैंक से बैंक तक अलग-अलग हो सकती है। यह Rs 25,000 से लेकर Rs 1 लाख तक हो सकती है। कुछ बैंकों ने दिन के बजाय सप्ताह या महीने की सीमा निर्धारित की है।
4. UPI लेनदेन के क्या लाभ हैं?
UPI लेनदेन के कुछ प्रमुख लाभ हैं:-
1. यह तेज और सुविधाजनक है। UPI से पैसे रियल टाइम में भेजे और प्राप्त किए जा सकते हैं।
2. कम लागत: UPI लेनदेन पर आमतौर पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है।
3. सुरक्षित: UPI लेनदेन के लिए उपयोगकर्ता पहचान आवश्यक है, जो धोखाधड़ी को कठिन बनाता है।
4. सरकार के लिए लाभकारी: इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन से कर राजस्व बढ़ता है और नकद लेनदेन को कम करने में मदद मिलती है।