NPCI (National Payments Corporation of India) डिजिटल पेमेंट्स को और ज्यादा सुरक्षित और फ्रॉड-फ्री बनाने के लिए UPI Pull Transactions बंद करने की योजना बना रहा है। अगर यह बदलाव लागू होता है, तो IPO, ऑटो-डेबिट, मर्चेंट पेमेंट रिक्वेस्ट जैसे फीचर्स पर असर पड़ेगा। इस आर्टिकल में हम विस्तार से समझेंगे कि UPI Pull Transactions क्या होते हैं, NPCI इन्हें क्यों बंद करना चाहता है और इसका यूजर्स पर क्या असर पड़ेगा।
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UPI Pull Transaction क्या होता है?
Pull Transaction का मतलब है कि रिसीवर (Payee) पैसे की डिमांड करता है और सेंडर (Payer) उसे अप्रूव करता है। यह UPI Push Transaction से अलग होता है, जिसमें सेंडर खुद पैसा भेजता है।
Pull Transaction के उदाहरण:
- IPO के लिए UPI Mandate: जब आप IPO के लिए UPI से अप्लाई करते हैं, तो बैंक पैसे को होल्ड कर लेता है और अगर आपको शेयर मिलते हैं तो वह राशि डेबिट हो जाती है।
- UPI AutoPay: Netflix, Amazon Prime जैसी सर्विस के लिए ऑटो-डेबिट सेट करने पर हर महीने पैसे कट जाते हैं।
- Merchant Payment Requests: ऑनलाइन शॉपिंग या सर्विसेस के दौरान कुछ प्लेटफॉर्म्स UPI पेमेंट रिक्वेस्ट भेजते हैं, जिसे यूजर अप्रूव करके पेमेंट कर सकता है।
NPCI Pull Transactions क्यों हटाना चाहता है?
- UPI फ्रॉड रोकना फर्जी पेमेंट रिक्वेस्ट से स्कैम – फ्रॉडस्टर्स गलत UPI रिक्वेस्ट भेजकर लोगों से अप्रूवल लेते हैं और पैसा चोरी कर लेते हैं।AutoPay Mandate के गलत इस्तेमाल की संभावना – कई बार लोग बिना समझे ऑटो-डेबिट अप्रूव कर देते हैं और बाद में पैसा कटने पर परेशान होते हैं।
- सिक्योरिटी को और मजबूत करना Push Transactions ज्यादा सुरक्षित होते हैं क्योंकि यूजर खुद ट्रांसफर करता है।Pull Transaction हटाने से यूपीआई फ्रॉड की संभावना कम हो जाएगी।
- रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस के अनुसार सुधार RBI पहले से ही डिजिटल पेमेंट सिक्योरिटी पर फोकस कर रहा है।Pull Transactions हटाने से बैंकिंग सेक्टर में अधिक पारदर्शिता आएगी।
- Unauthorized Mandate और Chargebacks की दिक्कतें कम होंगी बिना इजाजत के पैसे कटने की घटनाएं कम होंगी।ग्राहकों को हर बार मैन्युअल अप्रूवल देना होगा, जिससे वह खुद तय कर पाएंगे कि पेमेंट करें या नहीं।
Pull Transactions हटने से यूजर्स पर क्या असर होगा?
- IPO के लिए UPI का इस्तेमाल नहीं होगा :- पहले IPO के लिए UPI Mandate से पैसे ब्लॉक होते थे।अब ASBA (Application Supported by Blocked Amount) के जरिए नेट बैंकिंग से पैसा ब्लॉक करना होगा।
- UPI AutoPay बंद हो सकता है :- Netflix, Amazon Prime, बिजली का बिल, मोबाइल रीचार्ज जैसी सेवाओं के लिए AutoPay काम नहीं करेगा।हर बार मैन्युअली पेमेंट करना होगा।
- Merchant Payment Requests बंद हो जाएंगी :- Swiggy, Zomato जैसे प्लेटफॉर्म्स UPI रिक्वेस्ट भेजकर पेमेंट की सुविधा देते थे।अब मैन्युअली UPI ID या QR कोड से पेमेंट करना होगा।
- Buy Now, Pay Later (BNPL) सेवाएं प्रभावित होंगी :- क्रेडिट लाइन या पोस्टपेड UPI भुगतान के लिए मैन्युअल पेमेंट करना होगा।पहले कंपनियां UPI Mandate सेट करके पैसे डेबिट कर सकती थीं, अब नहीं कर पाएंगी।
क्या होगा आगे ? (Possible Alternatives)
अगर NPCI Pull Transactions को हटा देता है, तो ये विकल्प उपलब्ध हो सकते हैं:
- ✅ ASBA – IPO अप्लाई करने के लिए नेट बैंकिंग से ASBA का इस्तेमाल करें।
- ✅ NACH Mandate – AutoPay के लिए NACH (National Automated Clearing House) का इस्तेमाल हो सकता है।
- ✅ मैन्युअल पेमेंट – हर ट्रांजेक्शन को मैन्युअली अप्रूव करना होगा।
- ✅ Credit/Debit Card AutoPay – AutoPay सेवाओं के लिए क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करें।
निष्कर्ष (Conclusion)
NPCI UPI Pull Transactions को हटाकर डिजिटल पेमेंट को और सुरक्षित बनाना चाहता है। हालांकि, इससे IPO, AutoPay, और मर्चेंट पेमेंट जैसे फीचर्स प्रभावित होंगे। अगर यह बदलाव लागू होता है, तो यूजर्स को अपनी पेमेंट आदतों में बदलाव लाना पड़ेगा और नए विकल्पों को अपनाना होगा।
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