क्रेडिट कार्ड क्या होता है, परिभाषा, बुनियादी विशेषताएं
, प्रकार, लाभ, नुकसान, कैसे सुरक्षित रखें, कौन जारी करता है, आरबीआई के “पुराने” और “नए ” नियम एवं शर्तें, डेबिट और क्रेडिट कार्ड अंतर,पात्रता मानदंड, कोनसा बैंक सबसे अच्छा, आवेदन कैसे करें, सबसे अच्छी ऑफर, सबसे बढ़िया उपयोग, बिल को समझें, क्रे.का. से पैसे कैसे बचाएं , निष्कर्ष।
क्रेडिट कार्ड संपूर्ण गाइड 📖 :
- प्रश्न 1: क्रेडिट कार्ड क्या होता है ?
- प्रश्न 2: क्रेडिट कार्ड की परिभाषा क्या है ?
- प्रश्न 3: क्रेडिट कार्ड की बुनियादी विशेषताएं क्या होती हैं ?
- प्रश्न 4: क्रेडिट कार्ड कैसे काम करते हैं ?
- प्रश्न 5: क्रेडिट कार्ड के कितने प्रकार होते हैं ?
- प्रश्न 6: क्रेडिट कार्ड से क्या लाभ है ?
- प्रश्न 7: क्रेडिट कार्ड के नुकसान क्या हैं ?
- प्रश्न 8: हम अपना क्रेडिट कार्ड कैसे सुरक्षित रखें ?
- प्रश्न 9: भारत में क्रेडिट कार्ड कौन जारी करता है ?
- प्रश्न 10 :आरबीआई द्वारा निर्धारित क्रेडिट कार्ड के नियम एवं शर्तें कौन-कौन सी है ?
- 1. ब्याज दरें एवं अन्य प्रभार
- 2. गलत बिल जारी करना
- 3. प्रत्यक्ष बिक्री एजेंट/प्रत्यक्ष विपणन एजेंट और अन्य एजेंटों का उपयोग :-
- 4. बिना मांग के कार्ड जारी करना / सुविधा दी जाना
- 5. ग्राहक गोपनीयता :-
- 6. क्रेडिट इनफॉर्मेशन कंपनियों को सूचना देना:
- 7. ऋण वसूली की उचित प्रथाएं:
- 8. शिकायत निवारण:
- 9. आंतरिक नियंत्रण और निगरानी प्रणाली:
- 10. धोखाधड़ी पर नियंत्रण- सुरक्षा और अन्य उपाय : –
- 11. दंड लगाने का अधिकार :-
- प्रश्न 11: क्रेडिट कार्ड के लिए आरबीआई के “नए” दिशा निर्देश क्या है ?
- 1. अनिवार्य टू फेक्टर ऑथेंटिकेशन (2 Fector Authentication) :-
- 2. कॉन्टेक्ट लेस क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन लिमिट :-
- 3. क्रेडिट कार्ड ऑनलाइन ट्रांजेक्शन अलर्ट :-
- 4. फेल ट्रांजेक्शन की लिमिट और रिफंड :-
- 5. विदेश में क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल को बढ़ावा :-
- 6. CoFT (Card-on-File-Tokenisation):-
- 7. क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए नए नियम :-
- 8. नये क्रेडिट कार्ड एक्टिवेशन के लिए ओटीपी की आवश्यकता :-
- 9. नये क्रेडिट कार्ड एक्टिवेशन के लिए ओटीपी की आवश्यकता :-
- 10. क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं के अधिकारों की जानकारी :-
- प्रश्न 12:बैंक/NBFC द्वारा जारी किए गए “सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें” क्या हैं ?
- प्रश्न 13 :डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड में क्या अंतर है ?
- प्रश्न 14 : क्रेडिट कार्ड के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?
- प्रश्न 15:क्रेडिट कार्ड के लिए कौन सा बैंक सबसे अच्छा है ?
- प्रश्न 16 : क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें ?
- 1. अपने लिए सही क्रेडिट कार्ड चुनें।
- 2. अपने क्रेडिट इतिहास की जांच करें।
- 3. अपने आवश्यक दस्तावेज़ एकत्र करें
- प्रश्न 17: क्रेडिट कार्ड के लिए सबसे अच्छी ऑफर कैसे प्राप्त करें ?
- प्रश्न 18 : क्रेडिट कार्ड का सबसे अच्छा उपयोग कैसे करें ?
- प्रश्न 19 : क्रेडिट कार्ड बिल को कैसे समझें ?
- प्रश्न 20: क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके पैसे कैसे बचाएं ?
- प्रश्न 21: निष्कर्ष🗽: क्रेडिट कार्ड लें या न लें
- FAQ : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- ❔ क्रेडिट कार्ड को हिंदी में क्या कहते हैं ?
- ❔ क्रेडिट कार्ड बनने में कितना समय लगता है ?
- ❔ क्रेडिट कार्ड से LIC /एलआईसी का प्रीमियम भुगतान कर सकते हैं ?
- ❔ यदि भारत में क्रेडिट कार्ड धारक की मृत्यु हो जाती है तो क्या होगा ?
- ❔ क्रेडिट कार्ड कितने साल तक वैलिड होता है
- ❔ क्रेडिट कार्ड चोरी/ गुम हो जाए तो क्या करना चाहिए ?
- ❔ क्या मेरे नाम से कोई और क्रेडिट कार्ड बनवा सकता है, तो क्या करें ?
- ❔ अगर मैं 5 साल तक क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान नहीं करूं तो क्या होगा ?
- ❔ क्रेडिट कार्ड से किराया भुगतान सेवा
- ❔ क्रेडिट कार्ड एसोसिएशनस के “ट्रेडमार्क” कोनसे हैं
- ❔ क्रेडिट कार्ड का पेमेंट नहीं किया तो क्या होगा ?
- ❔ क्रेडिट कार्ड बनने में लगने वाले समय को कम करने के लिए किन बातों का ध्यान रखे?
- अन्य आर्टिकल 📖
इस गाइड में मैंने क्रेडिट कार्ड से जुड़ी हर जरूरी जानकारी साझा की है—क्रेडिट कार्ड की परिभाषा, इसके प्रकार, फायदे-नुकसान, सुरक्षित उपयोग के तरीके, आरबीआई के नियम, डेबिट और क्रेडिट कार्ड में अंतर, और सबसे अच्छी बैंक ऑफर्स की जानकारी। क्रेडिट कार्ड लेने से पहले और बाद में जिन बातों का ध्यान रखना जरूरी है, वो सब मैंने इस गाइड में कवर किया है।
प्रश्न 1: क्रेडिट कार्ड क्या होता है ?
क्रेडिट कार्ड या उधार पत्रक एक छोटा प्लास्टिक कार्ड है, जो जारी-कर्ता बैंक/NBFC और कार्ड धारक के बीच एक “समझौता” (agreement) है । इस क्रेडिट कार्ड के द्वारा धारक इस “वादे” के साथ वस्तुएं और सेवायें खरीद सकते हैं कि, बाद में वो इन वस्तुओं और सेवाओं का भुगतान निर्धारित समय पर करेगा।
प्रश्न 2: क्रेडिट कार्ड की परिभाषा क्या है ?
“Master Circular on Credit Card Operations of Banks Dated 01July 2009” के अनुसार :- शब्द “क्रेडिट कार्ड” आम तौर पर एक कार्ड धारक को सौंपे गए “प्लास्टिक कार्ड “को संदर्भित करता है, जो एक क्रेडिट सीमा के साथ आता है, जिसका उपयोग क्रेडिट पर सामान और सेवा खरीदने या नकद अग्रिम प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।
क्रेडिट कार्ड हिंदी “क्रेडिट कार्ड एक भुगतान कार्ड है जो उपयोगकर्ताओं को बिना नकदी के समान और सेवाएं खरीदने की अनुमति प्रदान करता है । कार्ड का जारीकर्ता, कार्ड के द्वारा उपभोक्ता को उधार की सीमा देता है जिसके अन्तर्गत एक उपयोगकर्ता खरीदी हुई वस्तुओं के भुगतान के लिए पैसे प्राप्त कर सकता है और नकद भी निकाल सकता है ।”
प्रश्न 3: क्रेडिट कार्ड की बुनियादी विशेषताएं क्या होती हैं ?
क्रेडिट कार्ड एक प्रकार का वित्तीय उत्पाद/उपकरण है जो उपभोक्ताओं को खरीदारी करने के लिए एक ऋण/क्रेडिट देता है। क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक या वित्तीय संस्थान कार्डधारक को एक निश्चित सीमा तक ऋण देती है, जिसे “क्रेडिट सीमा” कहा जाता है। कार्ड धारक इस ऋण का उपयोग किसी भी प्रकार की खरीदारी करने के लिए कर सकता है, जिसमें सामान, सेवाएं, या यहां तक कि पैसे निकालना (शुल्क लागू)भी शामिल है।
कार्डधारकों को एक निश्चित अवधि में की गई खरीदारी के लिए भुगतान करने और एक बिलिंग चक्र से दूसरे बिलिंग चक्र तक शेष राशि ले जाने की अनुमति देते हैं। क्रेडिट कार्ड से खरीदारी सामान्यतः निःशुल्क क्रेडिट अवधि के बाद देय हो जाती है, जिसके दौरान कोई ब्याज या वित्त शुल्क नहीं लगाया जाता है।
भुगतान देय होने के बाद अवैतनिक शेष राशि पर ब्याज लगाया जाता है। कार्डधारक देय संपूर्ण राशि का भुगतान कर सकते हैं और अन्यथा वसूले जाने वाले ब्याज बचत कर सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, उनके पास किसी भी राशि का भुगतान करने का विकल्प होता है, जब तक कि वह देय न्यूनतम राशि से अधिक हो, और शेष राशि को आगे ले जाएं।
क्रेडिट कार्ड योजना में आम तौर पर निम्नलिखित पक्ष शामिल होते हैं:
क्रेडिट कार्ड योजनाएं आम तौर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी संचालित होती हैं, जिसका अर्थ है कि एक देश में कार्ड जारीकर्ता से संबंधित कार्डधारक दूसरे देश में व्यापारियों के व्यवसाय के स्थान पर खरीदारी कर सकते हैं।
प्रश्न 4: क्रेडिट कार्ड कैसे काम करते हैं ?
क्रेडिट कार्ड एक ऐसा कार्ड होता है जिसका उपयोग आप किसी भी सामान या सेवा को खरीदने के लिए कर सकते हैं। यह एक ऋण का प्रतिनिधित्व करता है जिसे आपको अपने बैंक या अन्य वित्तीय संस्था से मिलता है। जब आप क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं, तो आप वास्तव में बैंक से उधार ले रहे हैं। आपको अपनी खरीदारी के लिए भुगतान करने के लिए एक विशिष्ट समय सीमा दी जाती है, आमतौर पर प्रत्येक महीने के अंत में। यदि आप अपनी खरीदारी के लिए भुगतान नहीं करते हैं, तो आपको ब्याज और अन्य शुल्क का भुगतान करना होगा।
क्रेडिट कार्ड के काम करने के 5 चरण इस प्रकार है:
प्रश्न 5: क्रेडिट कार्ड के कितने प्रकार होते हैं ?
क्रेडिट कार्ड को उनके जारी करने, कार्ड धारक द्वारा उनके उपयोग और भुगतान के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है जो निम्नानुसार है
प्रश्न 6: क्रेडिट कार्ड से क्या लाभ है ?
यह एक उपयोगी उपकरण हो सकता है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप इसका जिम्मेदारी से उपयोग करें। अपने बिलों का पूरा भुगतान समय पर करें और अपने खर्चों पर नज़र रखें।
प्रश्न 7: क्रेडिट कार्ड के नुकसान क्या हैं ?
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना एक व्यक्तिगत निर्णय है। आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता के आधार पर यह तय करने की आवश्यकता है कि क्रेडिट कार्ड आपके लिए सही है या नहीं।
प्रश्न 8: हम अपना क्रेडिट कार्ड कैसे सुरक्षित रखें ?
आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- अपने कार्ड की जानकारी को गुप्त 🤫रखें। क्रेडिट कार्ड नंबर, CVV कोड और एक्सपायरी डेट किसी के साथ साझा न करें🤫, भले ही वे आपके मित्र, परिवार या सहकर्मी हों।
- क्रेडिट कार्ड हमेशा अपने पास 👜रखें.
- क्रेडिट कार्ड का पिन नियमित रूप से बदलें.
- क्रेडिट कार्ड का ओटीपी📲 किसी को न बताएं.
- मोबाइल अलर्ट 🤳पर ध्यान दें.
- मासिक स्टेटमेंट में डीटेल्स 🕵️देखें.
- कार्ड स्वाइप करते समय सावधान🤨 रहें.
- ऑनलाइन फ्रॉड 🤥 से बचने के लिए, सबसे पहले सोर्स को वेरीफ़ाई🛂 करें.
- जब भी अपना पता बदलने पर बैंक🏦 को अवश्य सूचित करें. कोशिश करें अपना घर का पता, ईमेल ऐड्रेस हमेशा सामान रखें नहीं तो आपका सिबिल स्कोर कम हो जाएगा ।
- क्रेडिट कार्ड की जानकारी ईमेल ✉️ द्वारा भेजने के बजाय, प्राप्तकर्ता को कॉल 📲करना ज़्यादा सुरक्षित है.
- एटीएम🏧 या पीओएस लेन-देन करते समय सावधान रहें. पिन डालते समय कीपैड को ढक लें.
- लेन-देन से पहले हमेशा ई-कॉमर्स वेबसाइटों की प्रामाणिकता🔒 सत्यापित 🧐करें.
- क्रेडिट कार्ड को सुरक्षित रखने के लिए, अब “कार्ड का टोकनाइज़ेशन” करवाना आवाश्यक है. टोकनाइज़ेशन सिस्टम, वास्तविक कार्ड विवरण को “टोकन” नामक “एक वैकल्पिक कोड” से बदल देता है. इससे ऑनलाइन पेमेंट की सुरक्षित सुविधा मिलती है. साथ ही, ऑनलाइन शॉपिंग करने पर भी डेटा लीक का खतरा कम हो जाता है.
- अपने कार्ड को ऑनलाइन सुरक्षित रूप से उपयोग करें। जब आप अपने कार्ड का उपयोग करके ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हों, तो सुनिश्चित करें कि वेबसाइट सुरक्षित है। आप https:// या “सुरक्षित” 🔒प्रतीक की तलाश कर सकते हैं।
- क्रेडिट कार्ड एक शक्तिशाली उपकरण हो सकता है जो आपको अपने वित्त को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है। हालांकि, क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते समय सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है। अपनी बकाया राशि का पूर्ण भुगतान करने और अपने कार्ड को सुरक्षित रखने के लिए उचित कदम उठाएं।
प्रश्न 9: भारत में क्रेडिट कार्ड कौन जारी करता है ?
circular “बैंकों और क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता एनबीएफसी के क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड तथा रुपए में मूल्य वर्गित को-ब्रांडेड प्री-पैड कार्ड परिचालन पर मास्टर परिपत्र” दिनाँक 01/07/2015.
2.1 भारत में कार्यरत बैंक, विभागीय अथवा किसी प्रयोजन के लिए शुरू की गई किसी सहायक कंपनी के माध्यम से क्रेडिट कार्ड का व्यवसाय प्रारंभ कर सकते हैं वह ऐसे किसी अन्य बैंक से गठबंधन की व्यवस्था कर घरेलू क्रेडिट कार्ड व्यवसाय में प्रवेश कर सकते हैं जिसके पास क्रेडिट कार्ड जारी करने की व्यवस्था पहले से उपलब्ध है ।
2.2 स्वतंत्र या अन्य बैंकों से गठबंधन की व्यवस्था करके क्रेडिट कार्ड व्यवसाय प्रारंभ करने के इच्छुक बैंकों को रिजर्व बैंक का पूरा अनुमोदन लेने की आवश्यकता नहीं है । अपने निदेशक मंडलों के अनुमोदन से बैंक ऐसा कर सकते हैं तथापि ₹100 करोड रुपए और उससे अधिक निबंध संपत्ति रखने वाले बैंक ही क्रेडिट कार्ड का व्यवसाय कर सकते हैं तथापि पृथक सहायक कंपनियां स्थापित कर क्रेडिट कार्य का व्यवसाय करने वाले बैंकों को रिजर्व बैंक का पूर्व अनुमोदन लेना होगा।
क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता में शामिल है
- ➡️अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक ( भुगतान बैंकों को छोड़कर)
- ➡️क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (अन्य बैंकों के सहयोग से)
- ➡️शहरी सहकारी बैंक
- ➡️गैर-बैंक वित्तीय कंपनियां (आरबीआई से अनुमोदन के अधीन)
प्रश्न 10 :आरबीआई द्वारा निर्धारित क्रेडिट कार्ड के नियम एवं शर्तें कौन-कौन सी है ?
1. ब्याज दरें एवं अन्य प्रभार
क्रेडिट कार्ड बकाया राशि पर ब्याज: RBI ने बैंकों को क्रेडिट कार्ड के बकाए पर ब्याज दरों को निर्धारित करते समय पारदर्शी होने का निर्देश दिया है। बैंकों को यह स्पष्ट रूप से बताना होगा कि वे किस आधार पर ब्याज दरें निर्धारित कर रहे हैं। इसके अलावा, बैंकों को यह स्पष्ट रूप से बताना होगा कि विलंब से भुगतान के लिए क्या शुल्क लगाया जाएगा।
RBI ने बैंकों/NBFC को क्रेडिट कार्डों पर ब्याज दरों और अन्य शुल्कों से संबंधित निम्नलिखित दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया है:-
- बिल समय पर भेजे जाएं और ब्याज लगाया जाना शुरू होने से पहले भुगतान करने के लिए ग्राहक को पर्याप्त समय (कम से कम एक पखवाड़ा) मिले.* कार्ड उत्पादों पर वार्षिक प्रतिशत दरें (एपीआर) उद्धृत करें.
- विलंब से भुगतान के लिए शुल्क, ऐसे शुल्कों की गणना की पद्धति और दिनों की संख्या स्पष्ट रूप से बताएं.
- ग्राहकों को यह स्पष्ट करें कि केवल न्यूनतम देय राशि का भुगतान करने के क्या परिणाम हो सकते हैं। RBI के अनुसार “प्रत्येक महीने में सिर्फ न्यूनतम भुगतान करने के परिणामस्वरूप चुकौती वर्षों तक खिंच जाएगी जिससे आपको शेष उधार राशि पर ब्याज का भुगतान करना होगा”.
- बैंक ऐसा कोई प्रभार नहीं लगाएं जो कार्डधारक को, संबंधित कार्ड जारी करते समय और उसकी सहमति प्राप्त करते समय स्पष्ट रूप से दर्शाया नहीं गया हो.
- क्रेडिट कार्ड की देय राशियों के भुगतान की शर्तें, जिनमें न्यूनतम अदायगी की देय राशि शामिल है, विनिर्दिष्ट की जाएं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई ऋणात्मक परिशोधन नहीं है।
- प्रभारों में (ब्याज के अलावा) परिवर्तन कम से कम एक महीने का नोटिफिकेशन देकर केवल भावी प्रभाव से किए जाएं।
- यदि क्रेडिट कार्ड धारक अपना क्रेडिट कार्ड इस कारण से समाप्त करना चाहता हो कि क्रेडिट कार्ड प्रभारों में किया कोई परिवर्तनउसे हानिकारक है तो ऐसी समाप्ति के लिए उससे कोई अतिरिक्त प्रभार लिए बगैर कार्ड समाप्ति की अनुमति दी जाए.
- क्रेडिट कार्ड को समाप्त करने संबंधित किसी अनुरोध को क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा तत्काल स्वीकार किया जाए, बशर्ते कार्डधारक ने देय राशि का पूरा निपटान कर दिया हो।
- बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पहले वर्ष में प्रभार मुक्त क्रेडिट कार्ड जारी करने में पारदर्शिता हो।
2. गलत बिल जारी करना
“कार्ड जारी करने वाले बैंक या एनबीएफसी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ग्राहकों को गलत बिल जारी नहीं किए जाएं । यदि कोई ग्राहक किसी बिल का विरोध करता है तो बैंक या एनबीएफसी को शिकायत के सौहार्दपूर्ण समाधान की भावना से अधिकतम 60 दिनों की अवधि के भीतर ग्राहक को स्पष्टीकरण और यदि आवश्यक हो दस्तावेजी साक्षी प्रदान करना चाहिए।”
3. प्रत्यक्ष बिक्री एजेंट/प्रत्यक्ष विपणन एजेंट और अन्य एजेंटों का उपयोग :-
बैंक/गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी जब क्रेडिट कार्ड के विभिन्न परिचालनों को बाहरी स्रोतों से (आउटसोर्स) करवाते हैं, तब उन्हें इसकी अत्यधिक सावधानी बरतनी होगी :-बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को क्रेडिट कार्ड के आउटसोर्सिंग के लिए सावधानी बरतनी चाहिए ताकि “ग्राहक सेवा की गुणवत्ता” और “जोखिम प्रबंधन” प्रभावित न हो।”अभिलेखों (documents)की गोपनीयता”, “ग्राहक-प्राइवेसी का सम्मान सुनिश्चत करना” तथा “ऋण वसूली में उचित प्रणालियों का पालन” को आधार बनाना होगाबैंकों को अपने उत्पादों और सेवाओं के विपणन के लिए नियुक्त डीएसए के लिए एक आचार संहिता निर्धारित करनी चाहिए।बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके डीएसए बैंक की आचार संहिता का पालन करते हैं।बैंकों को आकस्मिक जांच और छिपे हुए खरीदारी के लिए एक प्रणाली होनी चाहिए ताकि वे यह सुनिश्चित कर सकें कि उनके डीएसए को उचित प्रशिक्षण दिया गया है।बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके टेलीमार्केटर ट्राई के दिशानिर्देशों का पालन करते हैं।
4. बिना मांग के कार्ड जारी करना / सुविधा दी जाना
यदि “बिना मांगे” और “बगैर लिखित सहमति ” के कार्ड जारी हो जाता है और ग्राहक को बिल भेजा जाता है तो कार्ड जारी करनेवाला बैंक “प्रभारों के मूल्य से दुगुनी राशि” ग्राहक को दंड के रूप में अविलंब अदा करेगा।इसके अलावा, बैंकिंग लेाकपाल योजना, 2006 के उपबंधों के अनुसार बैंकिंग लोकपाल अवांछित ग्राहक को बैंक की ओर से दी जानेवाली राशि अर्थात् शिकायतकर्ता के समय की हानि, उसके द्वारा किया गया व्यय, उसें हुई परेशानी तथा मानसिक कष्ट के लिए क्षतिपूर्ति की राशि निर्धारित करेगी।इस प्रकार के अवांछित क्रेडिट कार्ड के दुरुपयोग के लिए बैंक/एनबीएफसी जिम्मेदार होगा।क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए ग्राहक की स्पष्ट सहमति आवश्यक है।बिना मांग के ऋण या अन्य ऋण सुविधाएं नहीं दी जानी चाहिए।यदि बिना मांग के ऋण सुविधा दी जाती है और ग्राहक आपत्ति करता है, तो बैंक को ऋण सीमा वापस लेनी होगी और जुर्माना देना होगा।क्रेडिट कार्ड का एकतरफा उन्नयन (अपग्रेड करना) या ऋण सीमा (क्रेडिट लिमिट) में वृद्धि नहीं की जानी चाहिए। यदि शर्तों में कोई परिवर्तन होता है, तो ग्राहक की सहमति आवश्यक है।
5. ग्राहक गोपनीयता :-
ग्राहकों की जानकारी का गोपनीयता संरक्षण :
- बैंकों को क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते समय ग्राहकों को यह विकल्प देना चाहिए कि वे अपनी जानकारी बैंकों द्वारा अन्य एजेंसियों के साथ साझा करने से सहमत हैं या नहीं।
- बैंकों को क्रेडिट कार्ड के आवेदन फॉर्म में स्पष्ट प्रावधान करना चाहिए।यदि ग्राहक जानकारी साझा करने के लिए सहमत हैं, तो बैंकों को उन्हें जानकारी साझा करने के प्रयोजन और अन्य एजेंसियों की पहचान के बारे में स्पष्ट रूप से बताना चाहिए।
- बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनसे मांगी गई जानकारी गोपनीयता कानूनों का उल्लंघन नहीं करती है।बैंकों को जानकारी की सटीकता के लिए जिम्मेदार होना चाहिए।
डीएसए/वसूली एजेंटों के लिए केवल आवश्यक जानकारी दी जाए :
- डीएसए/वसूली एजेंटों को केवल वह जानकारी दी जानी चाहिए जो उन्हें अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए आवश्यक है।
- कार्डधारक द्वारा दी गई व्यक्तिगत जानकारी, लेकिन वसूली उद्देश्यों के लिए जो जरूरी नहीं हैं, कार्ड जारीकर्ता बैंक/एनबीएफसी द्वारा जारी नहीं की जानी चाहिए।
- कार्ड जारीकर्ता बैंक/एनबीएफसी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि डीएसए/डीएमएस क्रेडिट कार्ड उत्पादों के विपणन के दौरान किसी भी ग्राहक की जानकारी का अंतरण अथवा दुरुपयोग नहीं करते हैं।
6. क्रेडिट इनफॉर्मेशन कंपनियों को सूचना देना:
क्रेडिट कार्ड लेनदेन की जानकारी क्रेडिट सूचना कंपनी को देने के नियम:
- बैंक/गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी को क्रेडिट सूचना कंपनी को जानकारी देने से पहले ग्राहक को सूचित करना होगा कि यह जानकारी क्रेडिट सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 के तहत दी जा रही है।
- क्रेडिट सूचना कंपनी को चूककर्ता के रूप में सूचीबद्ध करने से पहले, बैंक/गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी को एक प्रक्रिया का पालन करना होगा। इस प्रक्रिया में ग्राहक को सूचित करना शामिल है कि वह चूककर्ता के रूप में सूचीबद्ध होने जा रहा है।बैंक/गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी को उन मामलों में विशेष रूप से सावधान रहना होगा जिनमें विवाद लंबित हैं।
- जानकारी का प्रकटीकरण/जारी किया जाना, विशेष रूप से चूक से संबंधित जानकारी, जहां तक संभव हो विवाद के निपटान के बाद ही किया जाना चाहिए।
- सभी मामलों में एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया का पारदर्शी रूप से पालन किया जाना चाहिए। इन प्रक्रियाओं को पारदर्शी रूप से एमआईटीसी के भाग के रूप में बताया जाना चाहिए।
7. ऋण वसूली की उचित प्रथाएं:
ऋण वसूली के लिए दिशानिर्देश
- बैंकों और उनके एजेंटों को उधारदाताओं के लिए उचित व्यवहार संहिता और बीसीएसबीआई संहिता का पालन करना चाहिए।
- ऋण वसूली के लिए अन्य एजेंसियों को नियुक्त करने वाले बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे एजेंट बैंक की प्रतिष्ठा को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे और ग्राहक की गोपनीयता का सम्मान करेंगे।
- बैंकों और उनके एजेंटों को ऋण वसूली के प्रयासों में ग्राहकों को मौखिक या शारीरिक रूप से परेशान नहीं करना चाहिए।
- बैंकों को वसूली एजेंटों की नियुक्ति के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।
8. शिकायत निवारण:
क्रेडिट कार्ड शिकायत निपटान प्रक्रिया
- ग्राहकों को शिकायत दर्ज करने के लिए 60 दिन का समय दिया जाना चाहिए।
- बैंकों/गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को शिकायत निपटान तंत्र स्थापित करना चाहिए और इसका व्यापक प्रचार करना चाहिए।
- शिकायत निपटान अधिकारी का नाम और संपर्क नंबर क्रेडिट कार्ड बिल में दिया जाना चाहिए।बैंकों/गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका कॉल सेंटर स्टाफ ग्राहकों की शिकायतों को प्रभावी ढंग से निपटाने के लिए पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित हो।
- बैंकों/गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के पास एक ऐसी प्रणाली होनी चाहिए जो कॉल सेंटर से निपटाई गई शिकायतों को उच्चतर प्राधिकारियों को भेज दे।
- बैंकों/गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर शिकायत निपटान प्रक्रिया और शिकायतों के जवाब देने के लिए निर्धारित समयावधि प्रदर्शित करनी चाहिए।
- बैंकों/गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर महत्वपूर्ण कार्यपालकों और शिकायत निपटान अधिकारियों का नाम, पदनाम, पता और संपर्क नंबर प्रदर्शित करना चाहिए।
- ग्राहकों की शिकायतों पर अनुवर्ती कार्रवाई के लिए शिकायतों की पावती की प्रणाली होनी चाहिए, जैसे कि शिकायत/डॉकेट नंबर।
- यदि 30 दिनों के भीतर शिकायत का संतोषजनक समाधान नहीं होता है, तो ग्राहक संबंधित बैंकिंग लोकपाल के पास जा सकता है।
9. आंतरिक नियंत्रण और निगरानी प्रणाली:
क्रेडिट कार्ड ग्राहक सेवा के लिए निर्देश
- बैंकों/गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को मासिक आधार पर ग्राहक सेवा, चूककर्ता रिपोर्ट और शिकायतों की समीक्षा करनी चाहिए।
- बैंकों को शिकायतों का विस्तृत साप्ताहिक विश्लेषण अपने वरिष्ठ प्रबंधन को प्रस्तुत करना चाहिए।
- बैंकों को मर्चेंट लेनदेनों की सत्यता की नमूना जाँच के लिए एक निगरानी प्रणाली होनी चाहिए।
- बैंकों को अर्धवार्षिक आधार पर क्रेडिट कार्ड कारोबार पर एक व्यापक समीक्षा रिपोर्ट अपने बोर्ड/प्रबंधन समिति के समक्ष प्रस्तुत करनी चाहिए।
10. धोखाधड़ी पर नियंत्रण- सुरक्षा और अन्य उपाय : –
- बैंकों /गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को चाहिए कि वे धोखाधड़ी से निपटने के लिए आंतरिक नियंत्रण प्रणाली स्थापित करें और बैंकों को धोखाधड़ी निवारक समितियों/ टास्क फोर्स में सक्रिय रूप से भाग लें, ये समितियां /टास्क फोर्स धोखाधड़ी रोकने और धोखाधड़ी नियंत्रण तथा कार्यान्वयन संबंधी पूर्वयोजित उपाय करने के लिए कानून बनाती हैं ।
- खोये हुए/चुराये गये कार्डों के दुरुपयोग के मामलों को कम करने की दृष्टि से बैंकों / गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को –
- (i) कार्डधारक की फोटो के साथ
- (ii) वैयक्तिक पहचान संख्या (पीआइएन) सहित कार्ड
- (iii) लैमिनेटेड हस्ताक्षर वाले कार्ड अथवा समय-समय पर आनेवाली कोई अन्य उन्नत पद्धतियों सहित कार्ड जारी करने पर विचार करें।
- बैंकों को ईलेक्ट्रानिक लेनदेनों के लिए विभिन्न सुरक्षा और जोखिम को कम करने के उपाय करने चाहिए।
- बैंकों को ग्राहक से कार्ड खो जाने की सूचना मिलने पर तुरंत कार्ड को ब्लॉक करना चाहिए और एफआइआर दर्ज करना चाहिए।
- बैंक खोए हुए कार्डों से उत्पन्न देयताओं के लिए बीमा कवर प्रदान कर सकते हैं, लेकिन यह विकल्पिक है।
11. दंड लगाने का अधिकार :-
भारतीय रिज़र्व बैंक इन दिशानिर्देशों में से किसी के भी उल्लंघन के लिए क्रमश: बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949/भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत किसी बैंक/गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी पर दंड लगाने का अधिकार रखता है ।
प्रश्न 11: क्रेडिट कार्ड के लिए आरबीआई के “नए” दिशा निर्देश क्या है ?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2023 में कई नए दिशानिर्देश जारी किए। इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और सुविधा में सुधार करना है। नए दिशानिर्देशों में शामिल हैं:
1. अनिवार्य टू फेक्टर ऑथेंटिकेशन (2 Fector Authentication) :-
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2 अगस्त, 2023 को एक अधिसूचना जारी की जिसमें सभी क्रेडिट कार्ड लेनदेन के लिए अनिवार्य टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को लागू करने का निर्देश दिया गया है। यह दिशानिर्देश 1 अक्टूबर, 2023 से प्रभावी है ।
2FA क्या है? 2FA एक सुरक्षा प्रणाली है जो उपयोगकर्ताओं को अपने खातों में सुरक्षित रूप से प्रवेश करने के लिए दो अलग-अलग प्रमाणीकरण विधियों का उपयोग करने की आवश्यकता होती है। आमतौर पर, इनमें से एक विधि एक पासवर्ड या पिन होता है, और दूसरा विधि एक एकल-उपयोगकर्ता पासवर्ड, एक प्रमाणीकरण ऐप या एक फिंगरप्रिंट स्कैनर होता है।
2FA क्रेडिट कार्ड लेनदेन को कैसे सुरक्षित करता है: 2FA का उपयोग करके, क्रेडिट कार्ड धारकों को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि उनके कार्ड का उपयोग केवल उनके द्वारा ही किया जा रहा है। यदि कोई धोखेबाज आपके कार्ड नंबर और पिन को चुरा लेता है, तो उन्हें अभी भी 2FA कोड दर्ज करने की आवश्यकता होगी। यह धोखाधड़ी के जोखिम को कम करता है।
2FA क्रेडिट कार्ड लेनदेन के लिए कैसे काम करता है: जब आप अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके ऑनलाइन या ओवर-द-काउंटर खरीदारी करते हैं, तो आपसे 2FA कोड दर्ज करने के लिए कहा जाएगा। यह कोड आपके क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा प्रदान किया जाएगा।ऑनलाइन खरीदारी के लिए, आपको अपने क्रेडिट कार्ड नंबर, समाप्ति तिथि और CVV के साथ-साथ 2FA कोड दर्ज करना होगा। ओवर-द-काउंटर खरीदारी के लिए, आपको अपने क्रेडिट कार्ड, पिन और 2FA कोड का उपयोग करके एक लेनदेन को मंजूरी देने के लिए एक कैशलेस टर्मिनल का उपयोग करना होगा।
2FA क्रेडिट कार्ड लेनदेन के लिए लाभ : –
(1) अधिक सुरक्षा: 2FA का उपयोग करके, क्रेडिट कार्ड धारकों को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि उनके कार्ड का उपयोग केवल उनके द्वारा ही किया जा रहा है।
(2) कम धोखाधड़ी: 2FA का उपयोग करके, धोखाधड़ी के जोखिम को कम किया जा सकता है।बेहतर ग्राहक अनुभव: 2FA का उपयोग करके, क्रेडिट कार्ड धारकों को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि उनके लेनदेन सुरक्षित हैं।
क्रेडिट कार्ड लेनदेन के लिए 2FA कैसे सक्षम करें:अपने क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता के साथ साइन अप करके आप अपने क्रेडिट कार्ड लेनदेन के लिए 2FA सक्षम कर सकते हैं। अधिकांश क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता अपने ग्राहकों को 2FA को सक्षम करने के लिए एक ऐप या वेबसाइट प्रदान करते हैं।2FA सक्षम करने के लिए, आपको अपने क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता को अपना मोबाइल नंबर या ईमेल पता प्रदान करना होगा। आपको एक एकल-उपयोगकर्ता पासवर्ड, एक प्रमाणीकरण ऐप या एक फिंगरप्रिंट स्कैनर भी प्रदान करना होगा।
2FA क्रेडिट कार्ड लेनदेन के लिए सुरक्षा उपाय: 2FA एक प्रभावी सुरक्षा उपाय है जो क्रेडिट कार्ड लेनदेन को सुरक्षित करने में मदद कर सकता है। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने 2FA कोड को सुरक्षित रखें।यहां कुछ सुरक्षा उपाय दिए गए हैं जो आपको अपने 2FA कोड को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं: (1)अपने 2FA कोड को किसी और के साथ साझा न करें। (2) अपने 2FA कोड को एक सुरक्षित स्थान पर रखें। (3) अपने 2FA कोड को नियमित रूप से बदलें।2FA का उपयोग करके, आप अपने क्रेडिट कार्ड को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं और धोखाधड़ी के जोखिम को कम कर सकते हैं।
2. कॉन्टेक्ट लेस क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन लिमिट :-
क्रेडिट कार्ड कॉन्टैक्टलेस कार्ड ट्रांजेक्शन लिमिट भारत में 5000 रुपये है। मतलब आप बिना पिन एंटर किए 5000 रुपये तक का ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। आपको बस अपने कार्ड को पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) मशीन के करीब लाना होगा और पेमेंट हो जाएगा। यह सुविधा काफी सुविधाजनक है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप इसका उपयोग सावधानी से करें।
यहाँ कुछ टिप्स दिए गए हैं जिनका पालन करके आप संपर्क रहित भुगतान का सुरक्षित रूप से उपयोग कर सकते हैं:
- अपने संपर्क रहित कार्ड को केवल विश्वसनीय विक्रेताओं से ही उपयोग करें।
- अपने कार्ड को अपनी जेब या बैग में न रखें, क्योंकि इससे कोई इसे बिना आपकी जानकारी के स्कैन कर सकता है।
- जब आप अपने कार्ड का उपयोग कर रहे हों तो उसे अपने दृष्टि में रखें।
- यदि आपका कार्ड खो जाता है या चोरी हो जाता है, तो तुरंत अपने बैंक को सूचित करें।
3. क्रेडिट कार्ड ऑनलाइन ट्रांजेक्शन अलर्ट :-
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन अलर्ट एक सुविधा है जो आपको अपने क्रेडिट कार्ड के साथ किए जाने वाले सभी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के बारे में सूचित करती है। यह आपको यह पता लगाने में मदद कर सकता है कि यदि आपका कार्ड किसी अनधिकृत व्यक्ति द्वारा उपयोग किया जा रहा है तो आपको तुरंत पता चल जाए।
क्रेडिट कार्ड ऑनलाइन ट्रांजेक्शन अलर्ट आमतौर पर एक एसएमएस या ईमेल के रूप में भेजे जाते हैं जो आपको ट्रांजैक्शन की जानकारी प्रदान करते हैं, जिसमें शामिल हैं:
- ट्रांजैक्शन की तारीख और समय
- ट्रांजैक्शन की राशि
- ट्रांजैक्शन की वेबसाइट या ऐप
क्रेडिट कार्ड ऑनलाइन ट्रांजेक्शन अलर्ट को सक्रिय करने के लिए, आपको अपने क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता से संपर्क करना होगा। वे आपको यह बताएंगे कि आप अपनी सुविधानुसार अलर्ट कैसे प्राप्त कर सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड ऑनलाइन ट्रांजेक्शन अलर्ट एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय है जो आपको धोखाधड़ी से बचाने में मदद कर सकता है। यदि आप अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग ऑनलाइन करते हैं, तो यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप अलर्ट प्राप्त कर रहे हैं, यह एक अच्छा विचार है।
यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं जिनका पालन करके आप क्रेडिट कार्ड ऑनलाइन ट्रांजेक्शन अलर्ट का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं:
- सभी अलर्टों को ध्यान से पढ़ें।
- यदि आपको कोई संदिग्ध गतिविधि दिखाई देती है, तो तुरंत अपने क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता को सूचित करें।
- अपने क्रेडिट कार्ड की सीमा को कम करें, ताकि किसी अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अधिक नुकसान न हो।
क्रेडिट कार्ड ऑनलाइन ट्रांजेक्शन अलर्ट एक शक्तिशाली उपकरण है जो आपको अपने क्रेडिट कार्ड को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है।
4. फेल ट्रांजेक्शन की लिमिट और रिफंड :-
- क्रेडिट कार्ड फेल ट्रांजेक्शन की लिमिट का मतलब है कि एक दिन में एक क्रेडिट कार्ड से कितने बार असफल लेनदेन हो सकते हैं। यह लिमिट आमतौर पर 3 से 5 बार होती है। यदि आपके क्रेडिट कार्ड से 5 बार से अधिक असफल लेनदेन होते हैं, तो आपका कार्ड ब्लॉक हो सकता है।
- क्रेडिट कार्ड फेल ट्रांजेक्शन का रिफंड:- यदि आपका क्रेडिट कार्ड फेल ट्रांजेक्शन के कारण अटक जाता है, तो आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। आपका क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता आपको आपके खाते में पैसे वापस कर देगा। रिफंड आमतौर पर कुछ दिनों के भीतर होता है।
- क्रेडिट कार्ड फेल ट्रांजेक्शन के कारण अटकने से बचने के लिए टिप्स :-
- सुनिश्चित करें कि आपके क्रेडिट कार्ड में पर्याप्त सीमा हो।
- अपने कार्ड को सावधानी से संभालें।
- यदि आपका कार्ड खो जाता है या चोरी हो जाता है, तो तुरंत अपने बैंक को सूचित करें।
- क्रेडिट कार्ड फेल ट्रांजेक्शन के कारण अटकने के बाद क्या करें:- यदि आपका क्रेडिट कार्ड फेल ट्रांजेक्शन के कारण अटक जाता है, तो आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना चाहिए:
- 1. अपने बैंक या क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता को कॉल करें।
- 2. उन्हें बताएं कि आपका कार्ड अटक गया है।
- 3. उन्हें उन लेनदेन के बारे में जानकारी प्रदान करें जो असफल हुए हैं।आपका बैंक या क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता आपके कार्ड को अनब्लॉक कर देगा और आपके खाते में पैसे वापस कर देगा।
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के “क्रेडिट कार्ड फेल ट्रांजेक्शन” के लिए दिशानिर्देश:-
- क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं को अपने ग्राहकों को प्रति दिन 5 बार से अधिक असफल लेनदेन करने से रोकना चाहिए।
- यदि कोई ग्राहक 5 बार से अधिक असफल लेनदेन करता है, तो क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता को ग्राहक को चेतावनी देनी चाहिए और फिर भी लेनदेन जारी रखता है, तो कार्ड को ब्लॉक करना चाहिए।
- RBI के दिशानिर्देशों का उद्देश्य ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी से बचाना है।
5. विदेश में क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल को बढ़ावा :-
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने विदेश में क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए कई दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य भारतीयों को विदेश में क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि उन्हें विदेशी मुद्रा की आवश्यकता कम हो और उन्हें विदेशी लेनदेन पर बेहतर विनिमय दर मिल सके।
दिशानिर्देशों में शामिल हैं:
- क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं को अपने ग्राहकों को विदेश में क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने की आवश्यकता होगी।इन प्रोत्साहनों में कैशबैक, रिवॉर्ड पॉइंट और अन्य लाभ शामिल हो सकते हैं।
- क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं को अपने ग्राहकों को विदेश में क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते समय सुरक्षा के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता होगी।
- इस जागरूकता में क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी से बचने के लिए सुझाव शामिल होंगे।
- क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं को अपने ग्राहकों को विदेश में क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने के लिए अधिक जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता होगी।
- इस जानकारी में विदेशी लेनदेन पर शुल्क, विनिमय दर और अन्य लागत शामिल होंगी।
दिशानिर्देशों के कुछ विशिष्ट उदाहरण:
- क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता अपने ग्राहकों को विदेश में क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने पर कैशबैक या रिवॉर्ड पॉइंट प्रदान कर सकते हैं।
- क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता अपने ग्राहकों को विदेश में क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने के लिए एक ऑनलाइन मंच प्रदान कर सकते हैं जो उन्हें विनिमय दरों की तुलना करने और शुल्क की जांच करने की अनुमति देता है।
- क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता अपने ग्राहकों को विदेश में क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते समय सुरक्षा के बारे में चेतावनी दे सकते हैं, जैसे कि अपने कार्ड को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित न करना और अपने कार्ड को खो जाने या चोरी होने पर तुरंत रिपोर्ट करना।
RBI का मानना है कि ये दिशानिर्देश विदेश में क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल को बढ़ावा देंगे और भारतीयों को विदेश यात्रा करते समय अधिक सुविधा और सुरक्षा प्रदान करेंगे।
विदेश में क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने के लाभ:-
- विदेशी मुद्रा की कम आवश्यकता : जब आप विदेश में क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं, तो आपको उस देश की मुद्रा में भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होती है। आप अपने क्रेडिट कार्ड को भारतीय रुपये में भुगतान कर सकते हैं, और आपके बैंक द्वारा विनिमय दर प्रदान की जाएगी।
- बेहतर विनिमय दरें: क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता अक्सर विदेशी लेनदेन पर अधिक प्रतिस्पर्धी विनिमय दर प्रदान करते हैं। इसका मतलब है कि आप जब विदेश में क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं तो आपको अपने पैसे की अधिक कीमत मिल सकती है।
- अधिक सुविधा: क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना नकद या डेबिट कार्ड का उपयोग करने की तुलना में अधिक सुविधाजनक हो सकता है। आपको अपने साथ नकदी या डेबिट कार्ड ले जाने की आवश्यकता नहीं होती है, और आपको अपने लेनदेन के लिए अपना खाता विवरण दर्ज करने की आवश्यकता नहीं होती है।
विदेश में क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते समय सावधानियां:
- अपने कार्ड को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित न करें: अपने कार्ड को किसी भी व्यक्ति को न दें, भले ही वह एक दुकानदार या एक अधिकारी हो।
- यदि आपका कार्ड खो जाता है या चोरी हो जाता है, तो तुरंत अपने क्रेडिट कार्ड कंपनी को सूचित करें।
- अपने कार्ड का उपयोग करते समय सुरक्षा के बारे में जागरूक रहें।
- विदेश में क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते समय, धोखाधड़ी और अन्य सुरक्षा जोखिमों के बारे में जागरूक रहें।
6. CoFT (Card-on-File-Tokenisation):-
कार्ड-ऑन-फाइल टोकनाइजेशन (CoFT) एक सुरक्षा उपाय है जो क्रेडिट और डेबिट कार्ड के वास्तविक विवरणों को एक सुरक्षित और अद्वितीय टोकन से बदल देता है। यह टोकन कार्ड के प्रकार, अंतिम चार अंकों और एक अद्वितीय पहचान संख्या से बना होता है।
आरबीआई दिशानिर्देश :-
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 अक्टूबर 2022 से सभी ई-कॉमर्स वेबसाइटों और ऐप्स पर CoFT को अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत, ग्राहकों को अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड के वास्तविक विवरणों को स्टोर करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके बजाय, वे एक टोकन प्रदान करेंगे जो प्रत्येक लेनदेन के लिए उत्पन्न होगा।
CoFT के लाभ:
- यह क्रेडिट और डेबिट कार्ड के डेटा की सुरक्षा में मदद करता है। यदि कोई टोकन हैक हो जाता है, तो यह कार्ड के वास्तविक विवरणों तक नहीं पहुंच पाएगा।
- यह ग्राहकों के लिए अधिक सुविधा प्रदान करता है। ग्राहकों को अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड के विवरण को बार-बार दर्ज करने की आवश्यकता नहीं होती है।
- यह ई-कॉमर्स वेबसाइटों और ऐप्स के लिए लागत कम करता है। उन्हें ग्राहकों के क्रेडिट या डेबिट कार्ड के डेटा को संग्रहीत और संसाधित करने के लिए कम लागत होगी।
CoFT कैसे काम करता है?
जब कोई ग्राहक CoFT का उपयोग करके भुगतान करता है, तो उन्हें अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड की जानकारी एक टोकन अनुरोधकर्ता को प्रदान करने की आवश्यकता होती है। टोकन अनुरोधकर्ता कार्ड के वास्तविक विवरणों को एक टोकन में बदल देता है, जिसे फिर ग्राहक को वापस भेज दिया जाता है।ग्राहक तब टोकन को ई-कॉमर्स वेबसाइट या ऐप में दर्ज कर सकते हैं। टोकन को कार्ड के वास्तविक विवरणों के रूप में स्वीकार किया जाएगा और भुगतान पूरा हो जाएगा।CoFT के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- CoFT एक सुरक्षा उपाय है, लेकिन यह एक पूर्ण सुरक्षा उपाय नहीं है।
- ग्राहकों को अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड के विवरण को सुरक्षित रखना चाहिए और यदि वे किसी संदिग्ध गतिविधि का अनुभव करते हैं तो तुरंत अपने कार्ड जारीकर्ता को सूचित करना चाहिए।
- CoFT का उपयोग करने वाले सभी ई-कॉमर्स वेबसाइटों और ऐप्स को RBI द्वारा प्रमाणित होना चाहिए।
- ग्राहकों को केवल उन वेबसाइटों और ऐप्स पर CoFT का उपयोग करना चाहिए जो RBI द्वारा प्रमाणित हैं।CoFT का उपयोग करते समय, ग्राहकों को केवल विश्वसनीय ई-कॉमर्स वेबसाइटों और ऐप्स पर भुगतान करना चाहिए।
- ग्राहकों को उन वेबसाइटों और ऐप्स पर भुगतान करने से बचना चाहिए जो संदिग्ध हैं या जिनकी प्रतिष्ठा अच्छी नहीं है।
7. क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए नए नियम :-
बैंकों को क्रेडिट कार्ड जारी करने से पहले ग्राहकों की क्रेडिट रेटिंग और आय का आकलन करना होगा। इससे धोखाधड़ी और ऋण में डूबने की संभावना कम होगी ।
8. नये क्रेडिट कार्ड एक्टिवेशन के लिए ओटीपी की आवश्यकता :-
जब कार्डधारक को नया क्रेडिट कार्ड पहली बार प्राप्त होता है और यदि कार्डधारक 30 दिनों से अधिक समय तक इस नए क्रेडिट कार्ड सक्रिय नहीं करता है, तो जारीकर्ता कंपनी को इसे सक्रिय करने के लिए कार्डधारक से एक ओटीपी प्राप्त करना होगा। यह धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेगा।
9. नये क्रेडिट कार्ड एक्टिवेशन के लिए ओटीपी की आवश्यकता :-
जब कार्डधारक को नया क्रेडिट कार्ड पहली बार प्राप्त होता है और यदि कार्डधारक 30 दिनों से अधिक समय तक इस नए क्रेडिट कार्ड सक्रिय नहीं करता है, तो जारीकर्ता कंपनी को इसे सक्रिय करने के लिए कार्डधारक से एक ओटीपी प्राप्त करना होगा। यह धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेगा।
10. क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं के अधिकारों की जानकारी :-
बैंकों को क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी प्रदान करनी होगी। इसमें शुल्क, ब्याज दरें और विवाद समाधान प्रक्रियाएं शामिल हैं।
प्रश्न 12:बैंक/NBFC द्वारा जारी किए गए “सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें” क्या हैं ?
क्रेडिट कार्ड पर विभिन्न प्रकार के शुल्क और प्रभार लागू होते हैं। इन शुल्कों को समझना महत्वपूर्ण है ताकि आप अपने कार्ड का जिम्मेदारी से उपयोग कर सकें और अप्रत्याशित शुल्कों से बच सकें।
1. क्रेडिट लिमिट और कैश लिमिट :-
क्रेडिट लिमिट:- क्रेडिट कार्ड जारी करने वाला बैंक या वित्तीय संस्थान कार्डधारक को एक निश्चित सीमा तक ऋण देती है, जिसे क्रेडिट सीमा कहा जाता है। कार्डधारक इस ऋण का उपयोग किसी भी प्रकार की खरीदारी करने के लिए कर सकता है, जिसमें सामान, सेवाएं, या यहां तक कि पैसे निकालना भी शामिल है।
कैश लिमिट :- अगर कभी आपको आपात स्थिति में कैश की जरूरत आ जाए तो बैंक आपको आपकी क्रेडिट लिमिट का कुछ हिस्सा कैश के रूप में एटीएम से निकालने की सुविधा देता है इसे ही “कैश लिमिट “कहते हैं । लेकिन बैंक इस पर अधिकतम ब्याज लेते हैं।
उदाहरण : – यदि आपके क्रेडिट कार्ड की क्रेडिट लिमिट ₹75000/- है तो आप अधिकतम 75 हजार रुपए तक खरीदारी कर सकते हैं और यदि कैश लिमिट ₹17000 है तो आप अधिकतम 17000 रुपए ही नकद निकाल सकते हैं ।
- कार्डधारक को इनके बारे में कार्ड डिलीवरी के समय में सूचित किया जाता है। कार्डधारक को क्रेडिट लिमिट और कैश लिमिट की सूचना हर विवरण में दी जाती है। विवरण बनाते समय उपलब्ध क्रेडिट लिमिट (अर्थात् उपयोग के लिए उपलब्ध क्रेडिट लिमिट) की जानकारी विवरण के एक भाग के रूप में दी जाती है।
- बैंक समय समय पर कार्डधारक के खाते की समीक्षा की जाती है और आंतरिक मानदंडों के आधार पर उनकी क्रेडिट लिमिट में बढ़ोतरी या कटौती की जाएगी। अपनी क्रेडिट लिमिट बढ़वाने के इच्छुक कार्डधारक बैंक को लिख कर और अपनी आय घोषित करने वाले वित्तीय दस्तावेज़ों को उपलब्ध कराकर यह कर सकते हैं।
- बैंक, अपने विवेकाधिकार पर और इस तरह प्रदान किए गए नए दस्तावेजों के आधार पर, कार्डधारक की क्रेडिट लिमिट को बढ़ा सकता है।
2. क्रेडिट लिमिट और कैश लिमिट :-
- Lifetime free (LTF) credit card :- इस प्रकार के क्रेडिट कार्ड पर कोई भी जॉइनिंग फीस या नवीनीकरण शुल्क नहीं लगता है यह जीवन पर आपके लिए फ्री रहते हैं परंतु अन्य प्रभार अवश्य लागू होते हैं जिनके बारे में आगे बात करेंगे ।
- वार्षिक शुल्क (ज्वाइनिंग शुक्ल) और नवीनीकरण शुल्क :- क्रेडिट कार्ड पर वार्षिक शुल्क (ज्वाइनिंग शुक्ल) और नवीनीकरण शुल्क लागू होता है। वार्षिक शुल्क (ज्वाइनिंग शुक्ल) एक बार और नवीनीकरण शुल्क हर साल लगाया जाता है। ये शुल्क कार्डधारक से कार्डधारक और विभिन्न प्रकार के कार्ड के लिए अलग-अलग हो सकते हैं। कार्डधारक को क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते समय शुल्क के बारे में सूचित किया जाएगा।
- नकद अग्रिम शुल्क : – कार्डधारक आपातकालीन स्थिति में घरेलू/अंतर्राष्ट्रीय एटीएम से नकदी प्राप्त करने के लिए कार्ड का उपयोग कर सकते हैं। ऐसी सभी निकासी पर एक लेन-देन शुल्क लगाया जाएगा। लेन-देन शुल्क, घरेलू एटीएम पर 2.5% या ₹500 जो भी अधिक हो और अंतर्राष्ट्रीय एटीएम पर 2.5% या ₹500 जो भी अधिक हो, लगाया जाएगा। सभी नकद अग्रिम पर एक वित्त प्रभार शुल्क भी लगाया जाएगा, जो निकासी की तारीख से पूर्ण भुगतान की तारीख तक के लिए परिक्रामी जमा पर लागू प्रभारों के बराबर होगा।
- नकद भुगतान शुल्क :- अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान नकद/cash करते हैं तो उस पर आपको शुल्क चुकाना पड़ता है। कार्डधारक चुनिंदा बैंक शाखाओं में “पे-इन स्लिप” पर “क्रेडिट कार्ड नंबर” और “राशि का उल्लेख कर”, उसे शाखा काउंटर पर जमा करके अपने क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि का भुगतान कर सकते हैं। यह सेवा सभी लागू कर के साथ उपलब्ध होगी।
- विशेष सेवाओं के लिए शुल्क :-कार्डधारक को समय-समय पर बैंक द्वारा प्रदत विशेष सेवाओं के लिए शुल्क और शुल्क वहन करने होंगे। इन सेवाओं में शामिल हो सकते हैं:- विदेशी मुद्रा लेनदेन*- ईएमआई- लेट पेमेंट शुल्क- जीएसटी
- ब्याज मुक्त अनुग्रह अवधि : –ब्याज मुक्त अनुग्रह अवधि वह अवधि होती है जिसके दौरान कार्डधारक को बकाया राशि पर ब्याज नहीं देना पड़ता है। यह अवधि 20 से 50 दिनों तक हो सकती है। यदि कार्डधारक द्वारा देय तारीख तक बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जाता है, तो ब्याज मुक्त अवधि समाप्त हो जाती है और बकाया राशि पर ब्याज देय हो जाता है।
- वित्त प्रभार (सेवा प्रभार) :-यदि कार्डधारक द्वारा देय तारीख तक बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जाता है, तो उस राशि पर ब्याज लगाया जाता है। इस ब्याज को वित्त प्रभार कहा जाता है। वित्त प्रभार की दर लेन-देन की तारीख से प्रति माह 3.50% [प्रतिवर्ष 42%] तक हो सकती है।विदेशी मुद्रा लेनदेन शुल्कयदि आप क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके विदेश में खरीदारी करते हैं, तो आपको विदेशी मुद्रा लेनदेन शुल्क का भुगतान करना होगा। यह शुल्क लेनदेन की राशि के आधार पर भिन्न होता है।
3. सीमा से अधिक का लेनदेन (ओवर लिमिट ट्रांजैक्शन) :-
क्रेडिट कार्ड सीमा से अधिक का लेनदेन (ओवर लिमिट ट्रांजैक्शन) वह है जिसमें क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हुए खरीदारी या सेवाओं का भुगतान करने के लिए क्रेडिट कार्ड की अनुमत सीमा से अधिक राशि का उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आपके क्रेडिट कार्ड की सीमा 10,000 रुपये है, तो आप 10,000 रुपये से अधिक की खरीदारी नहीं कर सकते हैं। यदि आप ऐसा करते हैं, तो यह ओवर लिमिट ट्रांजैक्शन होगा।
ओवर लिमिट ट्रांजैक्शन के लिए बैंक आमतौर पर अतिरिक्त शुल्क लेते हैं। यह शुल्क आमतौर पर ओवर लिमिट राशि के 2.5% से 5% तक होता है। इसके अलावा, ओवर लिमिट ट्रांजैक्शन आपकी क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकते हैं।ओवर लिमिट ट्रांजैक्शन से बचने के लिए, आपको अपने क्रेडिट कार्ड की सीमा को समझना चाहिए और उस सीमा के भीतर ही खर्च करना चाहिए। इसके अलावा, आपको अपने क्रेडिट कार्ड के बिल का नियमित रूप से भुगतान करना चाहिए।
4. क्रेडिट कार्ड “बिलिंग” और “विवरण” :-
क्रेडिट कार्ड बिलिंग: वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता कार्डधारकों को उनके लेनदेन के लिए बिल भेजते हैं। यह प्रक्रिया आमतौर पर 5 चरणों में होती है:
क्रेडिट कार्ड बिलिंग: वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता कार्डधारकों को उनके लेनदेन के लिए बिल भेजते हैं। यह प्रक्रिया आमतौर पर 5 चरणों में होती है:
- लेनदेन दर्ज करना: जब कोई कार्डधारक अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके खरीदारी करता है, तो व्यापारी कार्डधारक के क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता को लेनदेन डेटा भेजता है।
- लेनदेन की पुष्टि करना: क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता लेनदेन डेटा की पुष्टि करता है और यह सुनिश्चित करता है कि कार्डधारक के पास पर्याप्त क्रेडिट सीमा है।
- लेनदेन को संसाधित (processing) करना: लेनदेन की पुष्टि होने के बाद, क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता लेनदेन को संसाधित करता है और कार्डधारक के खाते में लेनदेन को जोड़ता है।
- बिल जारी करना: क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता कार्डधारक के खाते के लिए एक बिल उत्पन्न करता है।
- बिल भेजना: क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता कार्डधारक को बिल भेजता है।
5. क्रेडिट कार्ड डिफॉल्टर :-
क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट वह व्यक्ति होता है अपने क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करने में लगातार 6 महीने से अधिक समय तक विफल रहता है।
क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- आर्थिक कठिनाई: अचानक आय में कमी, नौकरी छूटना, या अन्य वित्तीय समस्याएं क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट का कारण बन सकती हैं।
- गलती से भुगतान न करना: कभी-कभी, लोग भूल जाते हैं या गलती से अपने क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान नहीं करते हैं।
- व्यवहार संबंधी समस्याएं: कुछ लोग पैसे के प्रबंधन में कठिनाई का अनुभव करते हैं, जिससे क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट हो सकता है।
क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट के कई परिणाम हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं
- क्रेडिट स्कोर में गिरावट: आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे आपको भविष्य में ऋण प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है।
- ब्याज दरों में वृद्धि: क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट के बाद, आपकी क्रेडिट कार्ड ब्याज दरें बढ़ सकती हैं।
- अन्य ऋणों के लिए स्वीकृति में देरी: क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट के बाद, आपको अन्य ऋणों के लिए स्वीकृति मिलने में देरी हो सकती है।
- कानूनी कार्रवाई: क्रेडिट कार्ड कंपनियां क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट के लिए कानूनी कार्रवाई कर सकती हैं।यदि आप क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट होने के कगार पर हैं, तो जल्द से जल्द अपने क्रेडिट कार्ड कंपनी से संपर्क करें।
आप एक पुनर्गठन योजना पर बातचीत कर सकते हैं जो आपको अपने बकाया का भुगतान करने में मदद कर सकती है। क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट से बचने के लिए, अपने क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान समय पर करना महत्वपूर्ण है। आप एक बजट बनाकर और अपने खर्चों को ट्रैक करके ऐसा कर सकते हैं।
6.क्रेडिट कार्डधारिता समाप्ति / निरसन :
कार्डधारक द्वारा कार्ड को बंद करना: यदि कोई कार्डधारक अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना बंद करना चाहता है, तो वह कार्ड जारीकर्ता को लिखकर या फोन करके कार्ड को बंद करने का अनुरोध कर सकता है। कार्ड जारीकर्ता आमतौर पर कार्डधारक से कार्ड को वापस करने का अनुरोध करता है।
कार्ड जारीकर्ता द्वारा कार्ड को बंद करना: कार्ड जारीकर्ता किसी भी समय किसी भी कार्डधारक का क्रेडिट कार्ड बंद करने का अधिकार रखता है। इसके कुछ सामान्य कारणों में शामिल हैं:
- कार्डधारक द्वारा देय देयताओं को समय पर भुगतान नहीं करना
- कार्डधारक द्वारा धोखाधड़ी या अन्य अनुचित गतिविधि में लिप्त होना
- कार्डधारक की क्रेडिट रिपोर्ट में खराब मानक
7. कार्ड की क्षति/ चोरी/दुरुपयोग :-
यदि प्राथमिक या कोई भी अतिरिक्त क्रेडिट कार्ड गुम हो गया है, खो गया है, चोरी हो गया है, ख़राब हो गया है, नियत तारीख तक नहीं मिला है या क्रेडिट कार्डधारक को संदेह है कि उसकी अनुमति के बिना इसका इस्तेमाल किया जा रहा है, तो कार्डधारक को तत्काल कार्ड हेल्पलाइन से संपर्क करना चाहिए। एक बार कार्ड खोने की सूचना देने के बाद, इसके मिल जाने पर, कार्डधारक द्वारा किसी भी परिस्थिति में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए और कार्डधारक द्वारा कार्ड को तिरछा रखकर दो भाग में काट देना चाहिए।
कर कानून में बदलाव :-भारत सरकार द्वारा 1 जुलाई 2017 से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किया गया है। परिणामस्वरूप, 15% सेवा कर की दर के स्थान पर 18% जीएसटी की दर अब लागू होगी।
8. प्रकटीकरण :-
आपका बैंक क्रेडिट सूचना कंपनी को 45-60 दिनों की अवधि के अंदर कार्डधारक के भुगतान संबंधी रिकार्ड की जानकारी देगा।
क्रेडिट सूचना कंपनी (भारत में चार क्रेडिट ब्यूरो हैं – Experian, Equifax, CRIF और सिबिल ) भारतीय वित्तीय प्रणाली की स्थिरता और कार्यप्रणाली को सुधारने के लिए भारत सरकार तथा भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा संचालित एक उपक्रम है। यह आरबीआई द्वारा बैंकों और वित्तीय संस्थानों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए प्रभावशाली प्रक्रिया प्रदान करने के प्रयासों का नतीजा है, जिससे कार्डधारक विभिन्न संस्थाओं से बेहतर शर्तों पर क्रेडिट प्राप्त करने योग्य बनते हैं।
9. प्रभारो की अनुसूची: –
बैंक/ NBFC द्वारा क्रेडिट कार्ड पर लगने वाले प्रभारों(शुल्कों ) की अनुसूची(सारणी) :
- शुल्क :-
- 1. वार्षिक शुल्क (एक बार)
- 2. नवीनीकरण शुल्क (प्रति वर्ष)
- 3. ऐड-ऑन कार्ड शुल्क (प्रति वर्ष)
- विस्तारित क्रेडिट:
- 1. ब्याज मुक्त ऋण की अवधि पर शुल्क
- 2. निःशुल्क क्रेडिट अवधि : शून्य
- नकद अग्रिम :-
- 1. नकद अग्रिम की सीमा पर शुल्क
- 2. निःशुल्क क्रेडिट अवधि
- अग्रिम नकद शुल्क :-
- 1. एटीएम🏧 निकासी शुल्क
- 2. अंतर्राष्ट्रीय एटीएम निकासी शुल्क
- अन्य प्रभार और शुल्क: –
- 1. नकद भुगतान शुल्क
- 2. भुगतान अनादरण शुल्क
- 3. चेक भुगतान शुल्क
- 4. विलंबित से भुगतान पर शुल्क
- 5. सीमा से अधिक खर्च पर शुल्क
- 6. कार्ड प्रतिस्थापन (नया कार्ड) करने पर शुल्क
- 7. आपातकालीन कार्ड प्रतिस्थापन शुल्क (जब विदेश में हों)
- 8. विदेशी मुद्रा लेन-देन: रूपांतरण मार्कअप पर शुल्क
- 9. क्रेडिट लिमिट वृद्धि शुल्क
- 10. नेटवर्क परिवर्तन शुल्क
- 11. प्रायोरिटी पास लाउंज प्रभार
- अधिभार : –
- 1. रेलवे टिकट शुल्क
- 2. पेट्रोल पंप पर बेचे जाने वाले पेट्रोल और सभी उत्पाद/सेवाएं शुल्क
प्रश्न 13 :डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड में क्या अंतर है ?
विशेषता | डेबिट कार्ड | क्रेडिट कार्ड |
---|---|---|
कार्यप्रणाली | आपके बैंक खाते से नकदी का उपयोग करता है | बैंक द्वारा जारी किया गया एक ऋण है । |
पैसे की निकासी | केवल नकद निकासी की अनुमति है | नकद निकासी और खरीदारी के लिए उपयोग किया जा सकता है |
भुगतान | बैंक खाते से सीधे कटौती की जाती है | लेनदेन की राशि को बाद में भुगतान करना होगा |
ब्याज | कोई ब्याज नहीं | बकाया राशि पर ब्याज लगाया जाता है |
क्रेडिट सीमा | जितना पैसा अकाउंट में है वही आपकी क्रेडिट सीमा है। | बैंक द्वारा निर्धारित एक निश्चित सीमा है |
लाभ | आमतौर पर कोई लाभ नहीं मिलता है | सेल डिस्काउंट, रिवॉर्ड पॉइंट, कैश बैक, यात्रा लाभ आदि जैसे लाभ मिल सकते हैं |
सुरक्षा | सुरक्षित, क्योंकि आपके बैंक खाते से केवल उतना ही नकद काटा जा सकता है जितना आपके पास है | कम सुरक्षित क्योंकि आप ऋण के लिए जिम्मेदार हैं |
उपयोग | नकदी के बजाय भुगतान करने के लिए उपयोग किया जाता है । | नकदी के बजाय भुगतान करने के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन ऋण भी प्रदान करता है |
प्रश्न 14 : क्रेडिट कार्ड के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?
विभिन्न बैंक और वित्तीय संस्थाओं के अनुसार पात्रता मानदंड अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य मानक होते हैं जो आमतौर पर लागू होते हैं. ये मानक निम्नलिखित हो सकते हैं:
मानदंड | पात्रता मानदंड |
---|---|
राष्ट्रीयता🇮🇳 | भारत 🇮🇳 का नागरिक होना चाहिए। |
आयु | 21 वर्ष से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए। |
आय | नियमित आय का स्रोत होना चाहिए।आमतौर पर, अधिक आय वाले व्यक्तियों को क्रेडिट कार्ड जल्दी मिल सकता है. जबकि कुछ कार्ड वित्तीय स्थिति, व्यापार, या स्वतंत्र पेशेवर कर्मीयों को ही प्रदान करते हैं. |
नौकरी का स्थिति | आपकी नौकरी की स्थिति भी महत्वपूर्ण हो सकती है. बैंक या कार्ड कंपनी यह जानना चाह सकते हैं कि आपकी नौकरी स्थिति स्थिर है या नहीं. |
निवास | भारत में स्थायी निवास होना चाहिए। |
क्रेडिट इतिहास | अच्छा क्रेडिट इतिहास होना चाहिए। यदि आपने पहले कभी क्रेडिट कार्ड लिया है और उसे सही तरीके से चुक्ता किया है, तो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री सकारात्मक होगी और आपको नए कार्ड के लिए पात्र माना जा सकता है. |
सिबिल स्कोर: | 720 या उससे अधिक का सिबिल स्कोर होना चाहिए। |
आवास का स्थान | आपके आवास का स्थान भी कुछ कार्ड कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है. |
प्रश्न 15:क्रेडिट कार्ड के लिए कौन सा बैंक सबसे अच्छा है ?
अगस्त 2023 में, भारत में क्रेडिट कार्ड बाज़ार में प्रमुख बैंकों की हिस्सेदारी इस प्रकार थी
प्रश्न 16 : क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें ?
आवेदन करने के लिए, आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:
आप बैंक की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, या बैंक की शाखा में जाकर आवेदन कर सकते हैं।
4️⃣(i)ऑनलाइन आवेदन के लिए:
- बैंक की वेबसाइट पर जाएं.
- “क्रेडिट कार्ड” टैब पर क्लिक करें.
- “आवेदन करें” बटन पर क्लिक करे.
- अपना व्यक्तिगत विवरण भरें.
- अपने दस्तावेज़ अपलोड करें.
- “सबमिट” बटन पर क्लिक
4️⃣(ii) शाखा में आवेदन के लिए:
- अपने नजदीकी बैंक शाखा में जाएं।
- “क्रेडिट कार्ड” के लिए पूछें।
- एक आवेदन पत्र लें।
- अपना व्यक्तिगत विवरण और दस्तावेज़ भरें।
- आवेदन पत्र बैंक अधिकारी को दें।
आवेदन स्वीकृत होने के बाद, आपको बैंक से एक पत्र प्राप्त होगा। पत्र में आपका क्रेडिट कार्ड और अन्य विवरण शामिल होंगे।
आवेदन करते समय, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि सभी आवेदन स्वीकृत नहीं होते हैं। आपके आवेदन को स्वीकृत करने या अस्वीकार करने का निर्णय बैंक द्वारा कई कारकों के आधार पर किया जाएगा, जिनमें आपकी क्रेडिट रिपोर्ट, आय, और आय इतिहास शामिल हैं।
प्रश्न 17: क्रेडिट कार्ड के लिए सबसे अच्छी ऑफर कैसे प्राप्त करें ?
क्रेडिट कार्ड कंपनियां स्वयं ही नए ग्राहकों को आकर्षित करने और उन्हें अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने के लिए नए-नए ऑफर प्रदान करती हैं। इसके लिए क्रेडिट कार्ड कंपनियां अपने ग्राहकों को विभिन्न तरीकों से अप्रोच करती हैं। इनमें शामिल हैं:
- 1️⃣प्रचार-प्रसार कार्यक्रम : क्रेडिट कार्ड कंपनियां आकर्षण के लिए विभिन्न प्रचार-प्रसार कार्यक्रमों का आयोजन कर सकती हैं, जैसे कि 📺टीवी विज्ञापन, 📻रेडियो विज्ञापन, और 📢 डिजिटल मीडिया के माध्यम से।
- 2️⃣ सोशल मीडिया : क्रेडिट कार्ड कंपनियां अपने नए ऑफर के बारे में WhatsApp, Instagram, Twitter, 📩SMS, YouTube Facebook आदि सोशल मीडिया पर पोस्ट करती हैं। ये पोस्ट अक्सर कंपनी के सोशल मीडिया पेजों पर प्रकाशित होते हैं।
- 3️⃣ ईमेल मार्केटिंग 📧: क्रेडिट कार्ड कंपनियां अपने ग्राहकों को ईमेल के माध्यम से नए ऑफर के बारे में सूचित करती हैं। ये ईमेल आमतौर पर ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड खातों से जुड़े ईमेल पतों पर भेजे जाते हैं।
- 4️⃣ प्री-एप्रूव्ड ऑफर्स 💰: क्रेडिट कार्ड कंपनियां विशिष्ट लोगों (जिनका क्रेडिट स्कोर अच्छा है और अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री है ) को प्री-एप्रूव्ड कार्ड ऑफर्स प्रदान कर सकती हैं, जिससे उन्हें आसानी से क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने का अवसर मिल सकता है।
- 5️⃣ प्रेस विज्ञप्ति 📰: क्रेडिट कार्ड कंपनियां अपने नए ऑफर 🗣️ के बारे में प्रेस विज्ञप्ति जारी करती हैं। ये विज्ञप्ति आमतौर पर 📰 समाचार पत्रों, 👨💻वेबसाइटों, और अन्य मीडिया आउटलेट्स में प्रकाशित होती हैं।
- 6️⃣ टेलीफोन मार्केटिंग ☎️: क्रेडिट कार्ड कंपनियां अपने ग्राहकों को टेलीफोन के माध्यम से नए ऑफर के बारे में सूचित करती हैं।जैसे
अपनी बड़ी ट्रांसेक्शन को EMI में बदलना
, लोन ऑफर, ⬆️क्रेडिट लिमिट बढ़ाना आदि। ये कॉल आमतौर पर एक कॉल सेंटर से की जाती हैं।
बैंक/ NBFC कंपनियां अक्सर अपने ग्राहकों की रुचियों और व्यवहारों के आधार पर ऑफर को लक्षित करती हैं। उदाहरण के लिए, यदि एक ग्राहक अक्सर यात्रा करता है, तो कंपनी उन्हें मील या अन्य यात्रा लाभ प्रदान करने वाले ऑफर के साथ अप्रोच कर सकती है।
बैंक/ NBFC कंपनियां अपने ग्राहकों को नए ऑफर के बारे में सूचित करने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग करके, वे यह सुनिश्चित करने की कोशिश करती हैं कि ग्राहकों को उनके लिए सबसे उपयुक्त ऑफर मिले।
प्रश्न 18 : क्रेडिट कार्ड का सबसे अच्छा उपयोग कैसे करें ?
क्रेडिट कार्ड एक बढ़िया उपकरण हो सकता है, लेकिन अगर इसका इस्तेमाल सही तरीके से नहीं किया गया तो यह आपके लिए मुसीबत का सबब भी बन सकता है। इसलिए, क्रेडिट कार्ड का सबसे अच्छा इस्तेमाल करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
आधार | सबसे अच्छा उपयोग कैसे करें |
---|---|
अपने लिए सही क्रेडिट कार्ड चुने | बाजार में बहुत सारे अलग-अलग क्रेडिट कार्ड उपलब्ध हैं, इसलिए अपने लिए सही कार्ड चुनना महत्वपूर्ण है। अपने वित्तीय लक्ष्यों और आवश्यकताओं पर विचार करें, और ऐसा कार्ड चुनें जो आपकी जरूरतों को पूरा करे। |
अपनी क्रेडिट उपयोग सीमा का ध्यान रखें | अपनी क्रेडिट उपयोग सीमा का अधिकतम 30% से अधिक उपयोग करने से बचें। इससे आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है और आप ब्याज के जाल में फंस सकते हैं। |
अपने बिलों का समय पर भुगतान करें | अपने बिलों का समय पर भुगतान करना सबसे महत्वपूर्ण बात है। इससे आप ब्याज से बच सकते हैं और अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बना सकते हैं। |
अपने क्रेडिट कार्ड के लाभों का पुरा लाभ उठाएं | कई क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड पॉइंट, छूट, और अन्य लाभ प्रदान करते हैं। इन लाभों का लाभ उठाने से आप पैसे बचा सकते हैं। |
इन अतिरिक्त सुझावों का भी पालन करें | 1️⃣ अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग केवल उन खरीदारी के लिए करें जिनकी आपके पास भुगतान करने की क्षमता है। 2️⃣अपने क्रेडिट कार्ड को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित न करें और इसे किसी के साथ साझा न करें। 3️⃣ क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी के बारे में जागरूक रहें। |
यदि आप इन युक्तियों का पालन करते हैं, तो आप क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके अपने वित्त को प्रबंधित करने और अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने में सक्षम होंगे।
प्रश्न 19 : क्रेडिट कार्ड बिल को कैसे समझें ?
बिल एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो आपको बताता है कि आपने अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग कैसे किया है। इसमें आपके खर्च, ब्याज और न्यूनतम भुगतान की जानकारी शामिल है क्रेडिट कार्ड बिल को समझने से आपको यह समझने में मदद मिल सकती है कि आप अपने पैसे कहाँ खर्च कर रहे हैं और आपको ब्याज से बचने में मदद मिल सकती है।
बिल को अनौपचारिक रूप से समझने के लिए, निम्नलिखित जानकारी पर ध्यान दें:
प्रक्रिया | विश्लेषण/क्या होता है |
---|---|
बिल भेजना | क्रेडिट कार्ड कंपनी, बिलिंग तिथि को आपके पंजीकृत ईमेल पते पर स्टेटमेंट की सॉफ़्ट कॉपी भेजती है. आप अपने बैंक की वेबसाइट के ज़रिए लॉग इन करके भी क्रेडिट कार्ड बिल का विवरण पा सकते हैं. |
बिल घटक | क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में, आम तौर पर, शेष खाता सारांश या भुगतान सूचना अनुभाग होता है . सारांश में, आपके पिछले शेष या अंतिम बिलिंग अवधि के अंत में शेष राशि के बाद से शुल्क और क्रेडिट दिखाया जाता है . भुगतान जानकारी में, नई शेष राशि, न्यूनतम भुगतान देय, और भुगतान देय तिथि दिखाई देती है. |
बिलिंग अवधि | यह वह समय अवधि है जिसके दौरान आपने अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग किया है। क्रेडिट कार्ड बिलिंग साइकिल, हर महीने की निश्चित तारीख को जेनरेट होता है. इस अवधि के दौरान, आपके सभी क्रेडिट कार्ड ट्रांज़ैक्शन, मासिक क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में दिखाई देते हैं. |
कुल खर्च | यह आपकी बिलिंग अवधि के दौरान आपने कुल कितना खर्च किया है। |
ब्याज | यदि आप अपनी बिलिंग अवधि के अंत तक अपने बिल का भुगतान नहीं करते हैं, तो आपको ब्याज देना होगा। ब्याज दर आपके क्रेडिट कार्ड पर निर्भर करेगी। |
मिनिमम भुगतान | यह वह राशि है जिसे आपको अपने बिल का भुगतान करने के लिए हर महीने कम से कम करने की आवश्यकता है। |
अन्य शुल्क | आपके बिल पर अन्य शुल्क हो सकते हैं, जैसे कि विलंब शुल्क या कैश अग्रिम शुल्क। क्रेडिट कार्ड बिलिंग साइकिल, हर महीने की निश्चित तारीख को जेनरेट होता है. इस वधि के दौरान, आपके सभी क्रेडिट कार्ड ट्रांज़ैक्शन, मासिक क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में दिखाई देते हैं. |
भुगतान समय अवधि | क्रेडिट कार्ड कंपनी, अपने ग्राहकों को बिल का भुगतान करने के लिए 14 से 50 दिनों का समय देती है. अगर कोई व्यक्ति इस समय अवधि में भी अपना बिल नहीं भरता है, तो उस पर हर महीने ब्याज लगता है.अगर आपका क्रेडिट कार्ड डिफ़ॉल्ट घोषित कर दिया जाता है, तो आपके ऊपर ब्याज का बोझ लगातार बढ़ता जाएगा. |
यहां कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए गए हैं जो आपको क्रेडिट कार्ड बिल को अनौपचारिक रूप से समझने में मदद कर सकते हैं:
बिल में “क्या” देखें 🧐 | क्या पता करना है 😇 |
---|---|
अपने बिल की “शुरुआत में देखें” | कि आपकी “बिलिंग अवधि कब शुरू हुई और समाप्त हुई”। |
अपने बिल के “अगले/मध्य भाग में देखें“ | कि आपने “कुल कितना खर्च किया” है। |
यदि आपने अपनी बिलिंग अवधि के अंत तक अपने “बिल का भुगतान नहीं किया” है | तो देखें कि आपको “कितना ब्याज देना होगा” |
अपने “बिल के अंत में देखें” कि | आपको हर महीने “न्यूनतम भुगतान” करना होगा |
यह भी देखें | यदि आपके बिल पर “कोई अन्य शुल्क हैं”। |
अपने बिल को हर महीने देखें | इससे आपको यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि आप अपने बिलों का भुगतान समय पर और पूरी तरह से कर रहे हैं। |
अपने क्रेडिट कार्ड के लिए एक बजट बनाएं | इससे आपको यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि आप अपनी क्रेडिट सीमा से अधिक खर्च नहीं कर रहे हैं। |
अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके किए गए प्रत्येक खर्च को ट्रैक करें। | इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आप अपने पैसे का उपयोग कैसे कर रहे हैं। |
प्रश्न 20: क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके पैसे कैसे बचाएं ?
अगर आप सही तरीके से उपयोग करते हैं तो आप अपना समय और पैसे दोनों बचा सकते हैं। इसलिए हमेशा ध्यान रखें:
- 1️⃣ अपना बजट तैयार करें: आपको हमेशा एक बजट बनाना चाहिए जिससे आप अपनी खर्च को नियंत्रित कर सकते हैं। बजट बनाते समय आपको यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि आपके पास कितने क्रेडिट लिमिट हैं और आप कितना खर्च कर सकते हैं।
- 2️⃣ हमेशा कैशलेस लेन-देन करें: क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते समय कैशलेस लेन-देन करने का प्रयास करें। ऑनलाइन या रिटेल स्टोर्स में कैशलेस लेन-देन से आपके खर्च का अनुकरण आसान हो जाता है और आप पैसे बचा सकते हैं।
- 3️⃣ कैशबैक और अन्य छूटें: कुछ क्रेडिट कार्ड कंपनियां कैशबैक या अन्य छूटें प्रदान करती हैं जब आप उनके सही तरीके से खरीदारी करते हैं। इसे अच्छे से समझें और उन कार्ड्स का उपयोग करें जो आपको इस तरह की छूटें प्रदान करते हैं।
- 4️⃣ बिल का भूगतान समय पर करें: क्रेडिट कार्ड बिल को समय पर पूरा करना हमेशा बेहतर होता है, क्योंकि अनचाहे ब्याज और दंड से बचा जा सकता है। अगर आप पूरे बिल को समय पर भुगतान करते हैं, तो आपको ब्याज नहीं देना पड़ेगा।
- 5️⃣ क्रेडिट लिमिट का अधिकतम उपयोग न करें: अपने क्रेडिट लिमिट का अधिकतम उपयोग करने से आपकी क्रेडिट स्कोर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है और आपको मिलने वाले सकता है।
यह सुनिश्चित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है कि आप अपने क्रेडिट कार्ड के “सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें” को समझें और उन्हें ध्यानपूर्वक फॉलो करें।
प्रश्न 21: निष्कर्ष🗽: क्रेडिट कार्ड लें या न लें
क्रेडिट कार्ड लेना या न लेना एक व्यक्तिगत निर्णय है। यह निर्णय लेने से पहले, आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों और आवश्यकताओं पर विचार करना चाहिए। यदि आप क्रेडिट कार्ड लेने का निर्णय लेते हैं, तो जिम्मेदारी से इसका उपयोग करना महत्वपूर्ण है। अपने बिल का पूरा भुगतान करने के लिए एक बजट बनाएं और अपने खर्चों पर नज़र रखें।यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपको क्रेडिट कार्ड का जिम्मेदारी से उपयोग करने में मदद कर सकते हैं:
- ✔️अपने बजट के भीतर रहें।
- ✔️अपने बिल का पूरा भुगतान करें।
- ✔️अपने क्रेडिट कार्ड की सीमा से अधिक न खर्च करें।
- ✔️अपने क्रेडिट कार्ड की शर्तों को ध्यान से पढ़ें।
- यदि आप इन सुझावों का पालन करते हैं, तो आप क्रेडिट कार्ड के लाभों का आनंद ले सकते हैं और ऋणग्रस्तता से बच सकते हैं।
FAQ : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
❔ क्रेडिट कार्ड को हिंदी में क्या कहते हैं ?
आरबीआई (RBI)के अनुसार :-शब्द “क्रेडिट कार्ड” आम तौर पर एक कार्ड धारक को सौंपे गए “प्लास्टिक कार्ड “को संदर्भित करता है ।
❔ क्रेडिट कार्ड बनने में कितना समय लगता है ?
क्रेडिट कार्ड बनने में आम तौर पर 2-4 सप्ताह लगते हैं। हालांकि, यह समय आपके क्रेडिट कार्ड आवेदन की स्थिति और आपके द्वारा प्रदान किए गए दस्तावेजों की पूर्णता पर निर्भर कर सकता है।
क्रेडिट कार्ड बनने की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में होती है:
❔ क्रेडिट कार्ड से LIC /एलआईसी का प्रीमियम भुगतान कर सकते हैं ?
हाँ, आप क्रेडिट कार्ड से LIC /एलआईसी का प्रीमियम भुगतान कर सकते हैं। LIC ने हाल ही में क्रेडिट कार्ड के माध्यम से प्रीमियम भुगतान के लिए कोई सुविधा शुल्क या अन्य शुल्क नहीं लगाने की घोषणा की है। आप LIC की वेबसाइट, LIC MyLife ऐप, या किसी भी LIC शाखा के माध्यम से क्रेडिट कार्ड से प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं।क्रेडिट कार्ड से LIC प्रीमियम का भुगतान करने के लिए, आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:
- ➡️1. LIC की वेबसाइट पर जाएं या LIC MyLife ऐप खोलें।
- ➡️2. “प्रीमियम भुगतान” टैब पर क्लिक करें।
- ➡️3. “क्रेडिट कार्ड” विकल्प चुनें।
- ➡️4. अपने क्रेडिट कार्ड की जानकारी दर्ज करें।
- ➡️5. भुगतान करें।
❔ यदि भारत में क्रेडिट कार्ड धारक की मृत्यु हो जाती है तो क्या होगा ?
भारत में क्रेडिट कार्ड धारक की मृत्यु होने पर, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कुछ निर्देश जारी किए हैं जो उसके उत्तरदाताओं और परिवार के लिए हैं। यहां कुछ मुख्य प्रावधान हैं:
- संपर्क करें:अगर क्रेडिट कार्ड धारक की मृत्यु हो गई है, तो परिवार के सदस्यों को तत्पर तो करना चाहिए कि वह तुरंत बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनी से संपर्क करें।
- आवश्यक दस्तावेज:बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनी आपसे कुछ आवश्यक दस्तावेज मांग सकती हैं जैसे कि मृत्यु प्रमाण पत्र, निधन साक्षात्कार, और अन्य संबंधित दस्तावेज।
- क्रेडिट कार्ड का बंद होना:बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनी जानकारी प्राप्त होने के बाद, वह क्रेडिट कार्ड को बंद कर देंगे ताकि उसका अवैध उपयोग नहीं हो सके।
- बैंक खाता से बैलेंस चुकता करें: यदि क्रेडिट कार्ड के खिलाफ कोई बैलेंस रहता है, तो बैंक इसे मृत्यु होने के बाद स्वच्छंद रूप से बंद कर देगा।
- बचत योजना: कुछ बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनियां दुख भरे समय में क्रेडिट कार्ड के लिए बचत योजनाएं प्रदान करती हैं, जिससे परिवार को आर्थिक सहारा मिल सकता है।
- आपत्ति जारी करें:अगर कोई क्रेडिट कार्ड कंपनी या बैंक आपकी आपत्ति को तात्काल प्रविष्ट करने की प्रक्रिया नहीं बताती है, तो आप निगमन्त्री या अधिकृत निगमन्त्री को सूचित कर सकते हैं।
यहां याद रखें कि यह प्रक्रिया कंपनी और बैंक की निर्देशाओं और नीतियों पर निर्भर करती है, इसलिए सबसे अच्छा है कि आप तत्पर रहें और तत्काल क्रियाशील हों ताकि यह समस्या समाप्त हो सके।
❔ क्रेडिट कार्ड कितने साल तक वैलिड होता है
क्रेडिट कार्ड आमतौर पर 3 से 5 साल तक वैध होते हैं। क्रेडिट कार्ड की वैधता अवधि का उल्लेख कार्ड के सामने वाले हिस्से पर होता है, दो अंकों की महीने और चार अंकों की वर्ष संख्या के रूप में। उदाहरण के लिए, यदि कार्ड पर 03/28 लिखा हुआ है, तो इसका मतलब है कि कार्ड मार्च, 2028 तक वैध है।
क्रेडिट कार्ड की वैधता अवधि समाप्त होने से पहले, कार्ड जारी करने वाली कंपनी आपको एक नया कार्ड भेज देगी। नया कार्ड में नई वैधता अवधि होगी।
यदि आपका क्रेडिट कार्ड समाप्त होने वाला है, तो आपको अपना पुराना कार्ड समाप्त होने से पहले नष्ट कर देना चाहिए। आप इसे काटकर, काटकर या घिसकर नष्ट कर सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड की वैधता अवधि समाप्त होने के बाद, आप इसे किसी भी तरह से उपयोग नहीं कर सकते हैं।
❔ क्रेडिट कार्ड चोरी/ गुम हो जाए तो क्या करना चाहिए ?
आपको तुरंत अपने क्रेडिट कार्ड कंपनी को सूचित करना चाहिए। कंपनी कार्ड को ब्लॉक कर देगी और आपको किसी भी अनधिकृत लेनदेन के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराएगी।
क्रेडिट कार्ड चोरी हो जाने पर आपको निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:
- 1️⃣ अपने क्रेडिट कार्ड कंपनी को सूचित करें। आप अपने क्रेडिट कार्ड कंपनी की वेबसाइट, ग्राहक सेवा नंबर या मोबाइल ऐप के माध्यम से रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं।
- 2️⃣ अपने क्रेडिट कार्ड को ब्लॉक करें। आप अपने क्रेडिट कार्ड कंपनी के ग्राहक सेवा नंबर या मोबाइल ऐप के माध्यम से अपने कार्ड को ब्लॉक कर सकते हैं।
- 3️⃣ अपने क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करें। आप अपने क्रेडिट रिपोर्ट को मुफ्त में हर छह महीने में एक बार प्राप्त कर सकते हैं। अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करके, आप देख सकते हैं कि आपके नाम पर कोई अनधिकृत खाता है या नहीं।
- 4️⃣ यदि आपके क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके कोई अपराध किया जाता है, तो आप ऑनलाइन तरीके से भी पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं। यह कानून प्रवर्तन को अपराध की जांच करने और आरोपी को पकड़ने में मदद कर सकता है।
❔ क्या मेरे नाम से कोई और क्रेडिट कार्ड बनवा सकता है, तो क्या करें ?
आपको तुरंत निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:
1️⃣ क्रेडिट ब्यूरो को रिपोर्ट करें:- अपने क्रेडिट रिपोर्ट में किसी भी अनधिकृत लेनदेन की रिपोर्ट करें। आप क्रेडिट ब्यूरो की वेबसाइट पर या मेल द्वारा रिपोर्ट कर सकते हैं।
2️⃣ क्रेडिट कार्ड कंपनी से संपर्क करें:-क्रेडिट कार्ड कंपनी को अनधिकृत लेनदेन के बारे में सूचित करें। वे आपके खाते को बंद कर देंगे और आपको किसी भी बकाया से छुटकारा दिलाने में मदद करेंगे।
3️⃣ पुलिस में शिकायत दर्ज करें:- आप अपने स्थानीय पुलिस स्टेशन में एक रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं। यह आपको कानूनी कार्रवाई करने और नुकसान की भरपाई पाने में मदद कर सकता है।
4️⃣ अपने वित्तीय विवरणों की जांच करें:- यह सुनिश्चित करने के लिए अपने क्रेडिट रिपोर्ट और बैंक स्टेटमेंट की सावधानीपूर्वक जांच करें कि कोई अन्य अनधिकृत लेनदेन नहीं हुआ है।यदि आपके साथ ऐसा हुआ है, तो जल्द से जल्द कार्रवाई करना महत्वपूर्ण है। इससे आपको किसी भी नुकसान से बचने में मदद मिलेगी।
❔ अगर मैं 5 साल तक क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान नहीं करूं तो क्या होगा ?
यदि आप 5 साल तक क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान नहीं करते हैं, तो निम्नलिखित परिणाम हो सकते हैं:
आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो जाएगा। | क्रेडिट स्कोर एक अंक है जो आपके क्रेडिट इतिहास को दर्शाता है। यदि आप अपने बिलों का भुगतान करने में देरी करते हैं या चूक जाते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर कम हो जाएगा। इससे आपको भविष्य में ऋण प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। |
आपको ब्याज और जुर्माना देना होगा। | यदि आप अपने बिल का भुगतान नहीं करते हैं, तो आपको ब्याज और जुर्माना देना होगा। ब्याज दरें आमतौर पर 18-24% होती हैं। जुर्माना राशि आपके बिल की राशि पर निर्भर करेगा। |
आपका क्रेडिट कार्ड बंद हो सकता है। | यदि आप अपने बिल का भुगतान नहीं करते हैं, तो कार्ड जारी करने वाली कंपनी आपका क्रेडिट कार्ड बंद कर सकती है। इससे आपका क्रेडिट स्कोर और भी खराब हो सकता है। |
आपको कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। | यदि आप अपने बिल का भुगतान नहीं करते हैं, तो कार्ड जारी करने वाली कंपनी आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है। इससे आपको भारी नुकसान हो सकता है। |
❔ क्रेडिट कार्ड से किराया भुगतान सेवा
प्लेटफ़ॉर्म | शुल्क |
---|---|
Paytm | 2.36% (2% + GST) |
Mobikwik | 2.5% (2% + GST) |
Cred | 2.5% (2% + GST) |
Google Pay | 2.5% (2% + GST) |
PhonePe | 2.5% (2% + GST) |
Magic Bricks | 1.18% |
No Broker | 1% |
Red Giraffe | 0.39+GST |
❔ क्रेडिट कार्ड एसोसिएशनस के “ट्रेडमार्क” कोनसे हैं
क्रेडिट कार्ड एसोसिएशन का अर्थ है वीज़ा, मास्टरकार्ड, अमेरिकन एक्सप्रेस, डिस्कवर नेटवर्क, डायनर्स, जेसीबी, और कोई भी अन्य संगठन जो क्रेडिट कार्ड या हस्ताक्षर-आधारित डेबिट कार्ड जारी या प्रायोजित करता है जो राज्य विभागों द्वारा स्वीकार किए जाते हैं।
❔ क्रेडिट कार्ड का पेमेंट नहीं किया तो क्या होगा ?
क्रेडिट कार्ड का भुगतान नहीं करने के कई परिणाम हो सकते हैं, जिसमें शामिल हैं:
1️⃣ ब्याज दरों में वृद्धि: यदि आप अपने बिल का न्यूनतम भुगतान नहीं करते हैं, तो आपकी ब्याज दर बढ़ सकती है। यह आपके बकाया को और अधिक बढ़ने का कारण बन सकता है।
2️⃣ लेट चार्ज: यदि आप अपना बिल समय पर नहीं चुकाते हैं, तो आपको लेट चार्ज देना पड़ सकता है। यह आमतौर पर बिल की कुल राशि का 3 से 5% होता है।
3️⃣ क्रेडिट स्कोर में गिरावट: क्रेडिट स्कोर एक संख्या है जो आपकी साख को मापती है। यदि आप अपने क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है। यह आपको भविष्य में लोन या अन्य प्रकार के क्रेडिट प्राप्त करना मुश्किल बना सकता है।
4️⃣ आपका खाता बंद हो सकता है: यदि आप अपने बिल का भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो क्रेडिट कार्ड कंपनी आपका खाता बंद कर सकती है। इससे आपका क्रेडिट स्कोर और भी कम हो सकता है और आपको भविष्य में क्रेडिट प्राप्त करना मुश्किल बना सकता है।
5️⃣ आप कानूनी कार्रवाई का सामना कर सकते हैं: यदि आप अपने बिल का भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो क्रेडिट कार्ड कंपनी आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है। इससे आपको मुकदमा, जुर्माना या यहां तक कि जेल भी हो सकती है।क्रेडिट कार्ड का भुगतान नहीं करने के परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
यदि आप अपने बिल का भुगतान करने में असमर्थ हैं, तो कृपया अपने क्रेडिट कार्ड कंपनी से संपर्क करें और एक भुगतान योजना पर बातचीत करें। यह आपके क्रेडिट स्कोर और वित्तीय भविष्य को नुकसान से बचाने में मदद कर सकता है।
❔ क्रेडिट कार्ड बनने में लगने वाले समय को कम करने के लिए किन बातों का ध्यान रखे?
- 1️⃣ सटीक और पूर्ण जानकारी प्रदान करें।
- 2️⃣ अपने क्रेडिट इतिहास को बेहतर बनाएं।
- 3️⃣ अपनी आय और रोजगार स्थिति का सबूत प्रदान करें।
- 4️⃣ अपने आवेदन को जल्द से जल्द जमा करें।
अन्य आर्टिकल 📖
क्रेडिट कार्ड संपूर्ण गाइड📖: लेने से पहले और लेने के
क्रेडिट कार्ड क्या होता है, परिभाषा, बुनियादी विशेषताएं, प्रकार, लाभ, नुकसान, कैसे सुरक्षित रखें, कौन जारी करता है, आरबीआई के…
Credit Card Overlimit : रणनीतियाँ और शुल्क
क्रेडिट कार्ड वित्तीय प्रबंधन का एक सुविधाजनक तरीका हैं, लेकिन इनके साथ सीमाएँ भी होती हैं। इनसे अधिक खर्च करना,…
ऑनलाइन फ्रॉड से निपटने के लिए NPCI और RBI लाने
New UPI Payment System : ऑनलाइन पेमेंट फ्रॉड के बढ़ते मामलों ने न केवल आम जनता को चिंता में डाल…
Credit Card Bill : पर्स में पड़े-पड़े भी जेब काटता
Credit Card Bill: क्या आपने कभी सोचा है कि बिना शॉपिंग किए भी क्रेडिट कार्ड बिल कैसे आ सकता है?…
UPI Transaction Limit: UPI, UPI Lite, UPI 123PAY, UPI LITE
क्या आप विभिन्न प्रकार के UPI Transaction Limit के बारे में जानते हैं? तो आज UPI, UPI Lite, UPI 123PAY…
UPI Now Pay Later: Online Payments का नवीनतम क्रांति
डिजिटल लेनदेन की तेज़-तर्रार दुनिया में, UPI Now, Pay Later एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में उभर रहा है। यह…
UPI QUESTIONNAIRE: महत्वपूर्ण 47 सवाल और उनके जवाब, क्या आप
परिचय UPI QUESTIONNAIRE: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI) ने भारत में डिजिटल भुगतान में क्रांति ला दी है। यह मोबाइल फ़ोन का…