क्या आप भी मिनिमम बैलेंस के कारण पेनाल्टी भर रहे हैं? : जानें क्या है सही “मिनिमम बैलेंस कैलकुलेशन”!

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मिनिमम बैलेंस कैलकुलेशन: बैंकों द्वारा सेविंग्स बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस बनाए रखने के नियम के बारे में अक्सर लोगों के मन में भ्रम होता है। बहुत से लोग यह मानते हैं कि हर दिन अपने खाते में मिनिमम बैलेंस बनाए रखना ज़रूरी होता है। लेकिन सच यह है कि मिनिमम बैलेंस का कैलकुलेशन रोजाना के आधार पर नहीं बल्कि पूरे महीने के औसत के आधार पर होता है।

🧐 मिनिमम बैलेंस कैलकुलेशन की प्रक्रिया क्या है?

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  • मिनिमम बैलेंस का मतलब यह नहीं है कि हर दिन आपके खाते में एक निश्चित राशि होनी चाहिए।
  • बैंक द्वारा निर्दिष्ट न्यूनतम राशि को बनाए रखने के लिए आपको हर दिन खाते में उस राशि को बनाए रखना ज़रूरी नहीं है, बल्कि महीने के अंत में आपके खाते का औसत बैलेंस उस न्यूनतम राशि के बराबर या उससे अधिक होना चाहिए।

उदाहरण:मान लीजिए, आपके बैंक ने 10,000 रुपये का मिनिमम बैलेंस / मासिक औसत बैलेंस (Monthly Average Balance, MAB) रखने की शर्त रखी है। अब आप महीने की पहली तारीख को 3,00,000 रुपये अपने खाते में जमा करते हैं और उसके बाद कोई निकासी या जमा नहीं करते।

दिनांक और बैलेंस:-

1 तारीख: 3,00,000 रुपये

2 से 30 तारीख:0 रुपये (क्योंकि आप पहले दिन सभी पैसे निकाल लेते हैं)

औसत बैलेंस की गणना:

Step 1: हर दिन का अंत के समय का बैलेंस निकालें:-

1 तारीख का बैलेंस = 3,00,000 रुपये

2 से 30 तारीख का बैलेंस = 0 रुपये (हर दिन)

Step 2: महीने के सभी दिनों के अंत के बैलेंस का योग (Sum) निकालें:-

1 तारीख का बैलेंस = 3,00,000 रुपये-

2 से 30 तारीख का बैलेंस = 0 रुपये × 29 दिन = 0 रुपये-

योग= 3,00,000 रुपये

Step 3: मासिक औसत बैलेंस (MAB) की गणना करें:-

मासिक औसत बैलेंस (MAB) = महीने का कुल योग (रुपए) /महीने के कुल दिन

= 3,00,000 / 30 = 10,000/-

निष्कर्ष: आपका मासिक औसत बैलेंस 10,000 रुपये रहेगा, जो कि बैंक की शर्त के अनुसार है। इसका मतलब है कि आपको कोई पेनल्टी नहीं लगेगी, भले ही आपने महीने के बाकी दिनों में कोई पैसा नहीं रखा हो।

🧐 मिनिमम बैलेंस न रखने पर लगने वाली पेनाल्टी क्या है ?

अगर आप महीने के अंत तक अपने खाते में निर्धारित मिनिमम बैलेंस नहीं बनाए रखते हैं, तो बैंक आप पर पेनाल्टी लगा सकता है। अलग-अलग बैंकों के लिए यह पेनाल्टी राशि 400-500 रुपये के बीच हो सकती है। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निर्देशों के अनुसार, बैंक किसी भी खाते का बैलेंस निगेटिव में नहीं जाने देता है। अगर आपका खाता निगेटिव बैलेंस में चला जाता है, तो बैंक को कुछ उपाय करने होते हैं ताकि आपके खाते का बैलेंस जीरो से नीचे न जाए।

🧐 कैसे बच सकते हैं इस पेनाल्टी से ?

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पेनाल्टी से बचने के लिए यह जरूरी है कि आप अपने खाते में महीने के अंत में मिनिमम बैलेंस बनाए रखें। इसके लिए आपको अपने खाते का औसत बैलेंस नियमित रूप से चेक करते रहना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि महीने के अंत में आपका औसत बैलेंस बैंक द्वारा निर्धारित मिनिमम बैलेंस से कम न हो।

😇 निष्कर्ष:

मिनिमम बैलेंस का कैलकुलेशन पूरे महीने के औसत बैलेंस के आधार पर किया जाता है, न कि रोजाना के बैलेंस के आधार पर।

इसलिए, पेनाल्टी से बचने के लिए आपको महीने के अंत में अपने खाते में निर्धारित मिनिमम बैलेंस का औसत बनाए रखना चाहिए।

यदि आप ऐसा करते हैं, तो आप पेनाल्टी से बच सकते हैं और अपने खाते में अधिकतम बैलेंस बनाए रखने में सफल रह सकते हैं।

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🙏नमस्कार दोस्तों! मैं मनोज वर्मा, जयपुर (राजस्थान) का निवासी हूं और फाइनेंस और एकाउंट्स विभाग में कार्यरत हूं। मैंने 8 साल तक टीचिंग का अनुभव लिया, जिससे गणित और विश्लेषणात्मक सोच में महारत हासिल की, जो अब वित्तीय क्षेत्र में उपयोगी हो रही है। फाइनेंस न केवल हमारे भविष्य को सुरक्षित करता है, बल्कि यह जीवन को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने की कला भी है। इस ब्लॉग के माध्यम से मैं आपके साथ रोजमर्रा की वित्तीय जानकारी साझा करूंगा, ताकि आपके आर्थिक निर्णय मजबूत और सुरक्षित हो सकें। आइए, मिलकर इस यात्रा को शुरू करें और एक वित्तीय रूप से समृद्ध भविष्य की ओर कदम बढ़ाएं!

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